बाढ़ से क्षतिग्रस्त मंदिरों की जांच करेगा पंडितों का दल
वादी में पिछले महीने आई विनाशकारी बाढ़ में कश्मीरी पंडित समुदाय के मंदिरों को हुए भारी नुकसान का जायजा लेने के लिए पंडितों का एक दल कश्मीर का जल्द ही दौरा कर जमीनी सतह पर स्थिति का जायजा लेगा। साथ ही दल के सदस्य मंदिरों को भारी बारिश से हुए नुकसान के अलावा साथ लगती भूमि पर अतिक्रमण की आशंका का भी आकलन करे
जम्मू। वादी में पिछले महीने आई विनाशकारी बाढ़ में कश्मीरी पंडित समुदाय के मंदिरों को हुए भारी नुकसान का जायजा लेने के लिए पंडितों का एक दल कश्मीर का जल्द ही दौरा कर जमीनी सतह पर स्थिति का जायजा लेगा। साथ ही दल के सदस्य मंदिरों को भारी बारिश से हुए नुकसान के अलावा साथ लगती भूमि पर अतिक्रमण की आशंका का भी आकलन करेंगे।
इस बात का फैसला प्रेमनाथ भट्ट मेमोरियल ट्रस्ट के बैनर तले हुई पंडित संगठनों की बैठक में लिया गया। पंडितों ने कहा कि वादी में मंदिरों के संरक्षण को लेकर सरकार द्वारा अपनाए गए रवैये से समुदाय में काफी निराशा है जिसके चलते आम कश्मीरी पंडित हर हाल में वादी से अपनी जड़ों को जोड़े रखने में प्रयासरत है। ट्रस्ट पदाधिकारियों ने सरकार को दिए गए अल्टीमेटम में कहा है कि मंदिरों के संरक्षण के लिए सरकार हर हाल में श्राइन बिल पारित करे।
ऐसा न करने की सूरत में प्रेमनाथ भट्ट मेमोरियल ट्रस्ट की अगुआई में संघर्ष कर रहे संगठन जनआंदोलन की राह पर चल निकलेंगे। बेहतर होगा कि सरकार जब तक बिल पारित नहीं कर सकती तब तक आर्डिनेंस पारित करे। गौरतलब हो कि वादी में मंदिरों के संरक्षण की मांग को लेकर प्रेमनाथ मेमोरियल ट्रस्ट पिछले चंद वर्षो से कश्मीरी हिंदू श्राइन बिल पारित करने के लिए आंदोलन कर रहा है। लोगों में अपनी मांग के प्रति जागरूकता लाने के लिए ट्रस्ट ने जम्मू में विभिन्न जगहों पर बैठकें आयोजित कर लोगों को अपने धार्मिक स्थलों के प्रति अपने फर्ज का निर्वाह करते हुए आंदोलन में अपनी भागीदारी यकीनी बनाने को कहा।
ट्रस्ट के प्रवक्ता डॉ. आरएल भट्ट ने कहा सरकार को वादी में पंडितों के धार्मिक स्थलों के संरक्षण के लिए कश्मीरी हिंदू श्राइन बिल को पारित करना ही होगा।
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