मंदिरों के संरक्षण के लिए पंडित लामबंद
जम्मू। वादी में पंडितों की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए पंडित संगठन लामबंद होने लगे हैं। मोदी सरकार के आने से उनकी उम्मीदों को और भी पंख लग गए हैं। रणनीति तय की जा रही है कि पंडितों की उम्मीदें सिरे चढ़ाने के लिए कौन से कदम उठाएं जाएं। वादी में विस्थापन की भेंट चढ़े छह सौ के करीब मंदिरों व धार्मिक स्थलों को संरि
जम्मू। वादी में पंडितों की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए पंडित संगठन लामबंद होने लगे हैं। मोदी सरकार के आने से उनकी उम्मीदों को और भी पंख लग गए हैं। रणनीति तय की जा रही है कि पंडितों की उम्मीदें सिरे चढ़ाने के लिए कौन से कदम उठाएं जाएं।
वादी में विस्थापन की भेंट चढ़े छह सौ के करीब मंदिरों व धार्मिक स्थलों को संरक्षित करने के लिए पिछले दस वर्षो से ऑल पार्टीज माइग्रेंट्स कोऑर्डिनेशन कमेटी जमीनी सतह पर काम कर रही है। कमेटी मंदिरों के दिन ब दिन होती खस्ताहाल स्थिति को केंद्र सरकार के नोटिस में लाने के लिए श्रीनगर के लाल चौक में चार जून को विरोध प्रदर्शन करने जा रही है। उनके विरोध प्रदर्शन में अन्य संगठन भी भाग ले रहे हैं, जो कश्मीर में मंदिरों का संरक्षण चाहते हैं। प्रदर्शन में सनातन धर्म सभा हंदवाड़ा, जयेषी देवी प्रबंधक कमेटी श्रीनगर, माता क्षीर भवानी अस्थापन, कक्कड़, शारदा माता ट्रस्ट, साधु गंगा अस्थापन व अन्य संगठन भी भाग लेकर मुहिम को सशक्त बनाएंगे। संगठन का नेतृत्व कर रहे विनोद पंडित का कहना है कि केंद्र सरकार के नोटिस में पंडितों के सभी मुद्दों को लाने का इससे अच्छा ओर कोई अवसर नहीं मिलेगा। इससे पहले भी वह पोरबंदर में 15 दिन का आमरण अनशन कर केंद्र व राज्य सरकार के नोटिस में पंडितों के मुद्दों को ला चुके हैं।
वादी में मंदिरों के संरक्षण के अलावा उनके साथ लगी जमीन पर हुए कब्जों की जांच, गुलाम कश्मीर स्थित शारदापीठ में आवाजाही के लिए पाकिस्तान सरकार के साथ बातचीत समेत अन्य कई मुद्दों को भी केंद्र के समक्ष प्रदर्शन के माध्यम से लाया जाएगा। वहीं, पर जम्मू में मंदिरों के संरक्षण की मांग को लेकर पिछले दो वर्षो से धरना प्रदर्शन करने वाले संगठन प्रेमनाथ भट्ट मेमोरियल ट्रस्ट, ऑल स्टेट कश्मीरी पंडित कांफ्रेंस व कश्मीरी पंडित कांफ्रेंस भी वादी में पंडितों के मंदिरों को बचाने के लिए रणनीति तय करने के लिए विचार-विमर्श कर रहे हैं।
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