नवरात्रि में माता को किस दिन क्या अर्पण करें
नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना के साथ प्रतिदिन विशेष सामग्री का भोग लगाने का भी विधान है। यदि इसका पालन किया जाए तो वांछित फल अवश्य मिलता है।
नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना के साथ प्रतिदिन विशेष सामग्री का भोग लगाने का भी विधान है। यदि इसका पालन किया जाए तो वांछित फल अवश्य मिलता है। आइये जानते हैं नवरात्रि में माता को किस दिन क्या अर्पण करें-
प्रतिपदा को गाय के दूध से बने घी का अर्पण करने से कभी गंभीर रोग नहीं होता।
द्वितिया को चीनी का भोग लगाने से लंबी उम्र की प्राप्ति होती है।
तृतीया को दूध का भोग लगाने से समस्त दु:खों से मुक्ति मिलती है।
चतुर्थी को मालपुओं का भोग लगाने से समस्त विघ्र का नाश होता है।
पंचमी को केले का फल भोग लगाने से बुद्धि का विकास होता है।
षष्ठी को मधु(शहद)का भोग लगाने से सुंदर रूप की प्राप्ति होती है।
सप्तमी को गुड़ का भोग लगाने से समस्त प्रकार के शोकों का नाश होता है।
अष्टमी को नारियल का भोग लगाने से समस्त संतापों से मुक्ति मिलती है।
नवमी को धान का लावा चढ़ाने से लोक एवं परलोक में सुख मिलता है।
दशमी को काले तिल का भोग लगाने से यमलोक का भय समाप्त होता है।
एकादशी को दही का भोग लगाने से जगदंबा की प्रसन्नता प्राप्त होती है।
द्वादशी को चिवड़ा का भोग लगाने से जगदंबा माता की तरह दुलार करती है।
त्रयोदशी को चने का भोग लगाने से वंश की वृद्धि होती है।
चतुर्दशी को जगदंबा को सत्तू का भोग लगाने से वे शिव सहित प्रसन्न होती है।
पूर्णिमा या अमावस्या को खीर का भोग लगाने से पितरों का उद्धार होता है।
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