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    श्यामल रंग के लड्डू गोपाल को गोरा कर देगा विशेष साबुन

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    Updated: Sat, 24 Aug 2013 01:22 PM (IST)

    ये ब्रज की धरती है। यहां राधा रानी को 'लाली' का दुलार, बलदाऊ को 'बड़े भैया' का मान मिलता है तो नटखट कान्हा भी बच्चे की तरह सबके लाडले हैं। कालिया नाग क ...और पढ़ें

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    मथुरा। ये ब्रज की धरती है। यहां राधा रानी को 'लाली' का दुलार, बलदाऊ को 'बड़े भैया' का मान मिलता है तो नटखट कान्हा भी बच्चे की तरह सबके लाडले हैं। कालिया नाग के फन पर पर कन्हैया को नाचते देख जिस तरह यशोदा मैया घबराई थीं, वही फिक्र और भाव इन दिनों भक्तों में है। मथुरा में मच्छरों देख वह परेशान हैं कि कान्हा को कहीं मलेरिया न हो जाए। तभी तो बाल गोपाल के लिए मच्छरदानी लगे छोटे-छोटे पलंग बनाए गए हैं।

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    कान्हा के इंतजार में ब्रजवासी बेकरार हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर घर-घर में तैयारियां चल रही हैं। भक्तों की इन भावनाओं को भुनाने के लिए बाजार भी तैयार है। इस बार बाजार में छोटे-छोटे पलंग आकर्षण बने हुए हैं। इन पलंगों की खासियत है कि इनमें मच्छरदानी लगी हुई है। जिस सोच के साथ बाजार में यह पलंग लाए गए, उसी सोच के साथ भक्त इन्हें खरीद भी रहे हैं। साफ कहते हैं कि मथुरा में मच्छरों का प्रकोप बहुत बढ़ गया है। जब बच्चे बीमार हो सकते हैं, तो कान्हा को भी तो मच्छर काटते होंगे। उन्हें भी तो मलेरिया हो सकता है। यही वजह है कि यह पलंग हाथों-हाथ बिक रहे हैं।

    श्रीकृष्ण के मच्छरदानी युक्त पलंग विभिन्न आकारों में तैयार किए गए हैं। ये पलंग खास तौर पर गुजरात के राजकोट से मंगाए गए हैं, जिनकी यहां काफी अच्छी मांग है। श्री गिरधारी जय गिरधारी श्रंगार कार्यालय के श्याम सुंदर अग्रवाल लाला बताते हैं कि दुकान पर मच्छरदानी वाले पलंगों को देख श्रद्धालु आश्चर्यचकित हो उठते हैं। जब वे पोशाक, झूला, मुकुट और लड्डू गोपाल लेते हैं, तो यह पलंग खरीदे बिना नहीं रहते।

    दिल्ली से द्वारिकाधीश महाराज के दर्शन करने आई श्रद्धालु मीनाक्षी अरोड़ा का कहना था कि जब हम अपने बच्चों को मच्छरों से बचाने के लिए तमाम उपाय कर सकते हैं, तो फिर कान्हा के लिए क्यों न करें। आखिर कन्हैया भी तो आराध्य होने के साथ-साथ हमारा लाडला है।

    1200 रुपये तक के हैं पलंग-

    लड्डू गोपाल के मच्छरदानी वाले पलंग की कीमत उसके आकार के हिसाब से तय की गई है। कम से कम इसकी कीमत 350 रुपये और अधिकतम 1200 रुपये है। हालांकि अभी ये पलंग श्रृंगार की सभी दुकानों पर नहीं, बल्कि इक्का-दुक्का पर ही हैं।

    साबुन से गोरे होंगे श्याम-

    घुटने के बल मिट्टी पर चलते-चलते, खेलते-खेलते कन्हैया का श्यामल रंग और भी काला पड़ गया है। ब्रजवासी भक्त अब अपने कान्हा को अच्छे से नहला कर 'गोरा' बनाना चाहते हैं। इसके लिए एक विशेष साबुन तैयार किया गया है। लड्डू गोपाल को स्नान कराते समय यशोदा मैया (भक्त) इस साबुन को उनके बदन पर रगड़ती हैं, जिससे पीतल धातु के लड्डू गोपाल एकदम चमक उठते हैं। इस साबुन की कीमत भी आम साबुनों से कहीं अधिक है। यह 60 रुपये से लेकर 250 रुपये तक में उपलब्ध है। लड्डू गोपाल की पोशाक खरीदने आए मुरारीलाल शर्मा ने बताया कि उनके पुराने वाले लड्डू गोपाल का रंग काला पड़ने लगा था, लेकिन जब से उन्होंने इस साबुन से कान्हा को स्नान कराना शुरू किया है, तो उनका रंग काफी हद तक साफ हो गया है।

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