हाजी अली में नहीं घुस पाईं तृप्ति देसाई
भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई आज हाजी अली दरगाह में प्रवेश नहीं कर पाईं। दरगाह बंद होने तक अंदर जाने के लिए प्रयासरत रहीं तृप्ति एवं उनकी टीम को आखिरकार वापस लौटना पड़ा।
मुंबई । भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई आज हाजी अली दरगाह में प्रवेश नहीं कर पाईं। दरगाह बंद होने तक अंदर जाने के लिए प्रयासरत रहीं तृप्ति एवं उनकी टीम को आखिरकार वापस लौटना पड़ा।
शिंगणापुर स्थित शनि मंदिर के चबूतरे एवं त्र्यंबकेश्वर मंदिर के गर्भगृह में जाने में सफल रहीं तृप्ति देसाई ने करीब एक सप्ताह पहले ही ऐलान कर दिया था कि वह गुरुवार की शाम चार बजे हाजी अली दरगाह में दर्शन के लिए प्रवेश करेंगी। उनकी इस घोषणा का विरोध भी शुरू हो गया था। दो दिन पहले शिवसेना नेता हाजी अराफात शेख ने कहा था कि यदि देसाई ने दरगाह में घुसने की कोशिश की तो उन्हें चप्पलों से पीटा जाएगा। आज भी सुबह से दरगाह के आसपास माहौल तनावपूर्ण था। एमआईएम, समाजवादी पार्टी एवं अवामी पार्टी के कार्यकर्ता हाजी अली के प्रवेश द्वार पर दोपहर से ही तृप्ति देसाई के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं हाजी अली में महिलाओं को प्रवेश के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर करनेवाली भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन के सदस्यों एवं उनसे समर्थकों की भी बड़ी संख्या दरगाह के प्रवेशद्वार पर प्रदर्शन कर रही थी। दोनों गुटों में टकराव रोकने के लिए पुलिस बल भी बड़ी संख्या में तैनात था।
तृप्ति देसाई अपने निर्धारित समय से थोड़ा देर से हाजी अली पहुंचीं। पुलिस ने तनाव को देखते हुए पहली बार उन्हें गाड़ी से उतरने ही नहीं दिया। कुछ समय बाद वह पुनः वहां पहुंचीं और रात आठ बजे दरगाह बंद होने तक वहीं डटी रहीं। लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं मिल सका। दरगाह बंद होने के बाद वह यह कहते हुए वहां से गईं कि अब वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के आवास पर जा रही हैं। वह मिलें या नहीं, लेकिन हम वहीं बैठेंगे। बता दें कि हाजी अली दरगाह में 2011 तक महिलाओं को दरगाह के अंदर मजार तक जाने की अनुमति थी। लेकिन उसके बाद दरगाह ट्रस्ट ने कानून-व्यवस्था के नाम पर महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।