गंगा के साथ क्या सुधरेंगे यमुना के दिन
नरेंद्र मोदी ने यहां चुनावी सभा में यमुना को प्रदूषण मुक्त करने का वायदा किया था। अब जब गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण गंगा प्रदूषण दूर करने को सक्रिय हुआ है, यमुना भक्त भी किसी नयी कार्य योजना के आने की बेसब्री से उम्मीद कर रहे हैं। यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए मथुरा-वृंदावन में पिछले चौदह साल से यमुना कार्ययोजना हाईक
मथुरा। नरेंद्र मोदी ने यहां चुनावी सभा में यमुना को प्रदूषण मुक्त करने का वायदा किया था। अब जब गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण गंगा प्रदूषण दूर करने को सक्रिय हुआ है, यमुना भक्त भी किसी नयी कार्य योजना के आने की बेसब्री से उम्मीद कर रहे हैं।
यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए मथुरा-वृंदावन में पिछले चौदह साल से यमुना कार्ययोजना हाईकोर्ट के आदेश पर चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने यमुना के किनारे बड़े नाले बनाने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद यूपी, दिल्ली व हरियाणा राज्यों की समन्वय बैठकें सालों पहले हुई तो थीं, पर कोई आकार नहीं ले सकीं। केंद्र सरकार कागजों में यमुना प्रदूषण को दूर करती रही है। यमुना रक्षक दल ने पिछले साल दिल्ली तक की पदयात्रा करके केंद्र सरकार पर दबाव बनाया, लेकिन तत्कालीन मंत्री झांसा देकर चले गए और उनके आश्वासनों पर अमल नहीं हो सका है। स्थानीय यमुना आंदोलन से जुड़े लोगों के अनुसार केंद्र में सशक्त नेतृत्व न होने के अभाव में तीनों राज्य सरकारों से समझौता अनुपालन नहीं कराया जा सका है। हरियाणा यमुनोत्री से आ रहे यमुना जल को हथिया लेता है तो दिल्ली अपना सारा कचरा यमुना में उड़ेल रही है और उप्र सरकार को इससे कोई ज्यादा सरोकार नहीं रहा है।
भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी प्रत्याशी के चुनाव सभा में स्पष्ट कहा था कि वह यमुना को प्रदूषण मुक्त करेंगे। इतना ही नहीं, उन्होंने ब्रज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य करने का भरोसा दिलाया था। अब गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण ने उनकी प्राथमिकता को देखते हुए शुक्रवार को दिल्ली में बैठक बुलायी है। जाहिर है गंगा से जुड़े मुद्दे पर मोदी गंभीर हैं तो मंत्रलय भी सक्रिय हो गए हैं, लेकिन यमुना प्रदूषण पर केवल हल्की सी आशा जरूर दिख रही है। ऐसे में लोग नवनिर्वाचित सांसद हेमा मालिनी से भी उम्मीद कर रहे हैं कि वह यमुना प्रदूषण दूर करने की दिशा में स्थानीय स्तर पर पहले इस मुद्दे को विस्तार से समडों और फिर केंद्र सरकार में इसके लिए पूरी कार्ययोजना तैयार कराएं।
यमुना कार्ययोजना के याची गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी कहते हैं कि भावी प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर गंभीर हैं। वह गंगा के साथ यमुना के लिए भी करेंगे, यही उम्मीद की जा रही है।