बाबा अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरा
श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा पर पहले से कहीं ज्यादा आतंकी खतरा मंडरा रहा है। आतंकियों पर उनके आका अपनी गतिविधियों में तेजी लाने और किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए लगातार दबाव बनाए हुए हैं। यह खुलासा आइजी सीआरपीएफ अतुल पारिकर ने सोमवार को किया। पत्रकारों से
श्रीनगर। श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा पर पहले से कहीं ज्यादा आतंकी खतरा मंडरा रहा है। आतंकियों पर उनके आका अपनी गतिविधियों में तेजी लाने और किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए लगातार दबाव बनाए हुए हैं। यह खुलासा आइजी सीआरपीएफ अतुल पारिकर ने सोमवार को किया। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह साल पहले से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हम कश्मीर में विधि व्यवस्था बनाए रखने से लेकर श्रद्घालुओं को पूरी सुरक्षा प्रदान करेंगे।
राज्य सरकार और राज्य पुलिस के साथ मतभेद की खबरों को नकारते हुए उन्होंने कहा कि हमारा पूरा समन्वय है। जब कभी भी हम किसी भी मुद्दे पर अपनी आवश्यकता से राज्य सरकार को अवगत कराते हैं, उसे यथासंभव पूरा किया जाता है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जिस तरह से सीआरपीएफ की भूमिका का लगातार विस्तार हो रहा है, उसे देखते हुए ही सीआरपीएफ व राज्य पुलिस के जवानों के साझा प्रशिक्षण कार्यक्रम भी हो रहे हैं। आतंकियों द्वारा गत दिनों दक्षिण कश्मीर में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इस हमले से सबक लिया गया है। हमने अपनी रणनीति में उसके आधार पर बदलाव लाया है। कश्मीर में नागरिकों के साथ समन्वय की कमी को स्वीकारते हुए उन्होंने कहा कि इसे दूर करने के लिए सीआरपीएफ भी बड़े पैमाने पर सीविक एक्शन कार्यक्रम करने जा रही है। लोगों के साथ संवाद को बढाने के लिए बैठकों, सेमिनारों व अन्य गतिविधियों का भी आयोजन किया जा रहा है। अफस्पा हटाने और आतंकरोधी अभियानों में सेना की जगह पूरी तरह कमान अपने हाथ लेने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि अफस्पा के मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्रलय ही जवाब दे सकता है। हमें जैसा आदेश होगा, हम उस पर अमल करेंगे। आतंकरोधी अभियानों में अगर सेना की जगह हमे पूरी कमान दी जाती है तो सीआरपीएफ यह जिम्मेदारी भी पूरी कामयाबी के साथ निभाने को तैयार है।