चमोली में बादल फटे, खतरे के निशान से उपर बह रही अलकनंदा
चमोली में भी बादल फटने से अलकनंदा का जलस्तर खतरे के निशान से उपर चला गया है। ऋषिकेश-बद्रीनाथ मार्ग पर तोता घाटी के समीप राजमार्ग पर चट्टान आ गिरी। इससे राजमार्ग बंद है।
देहरादून। मानसून के आते ही उत्तराखंड में आफतों का दौर भी शुरू हो गया। भारी बारिश से सूबे के दोनों मंडलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। पिथौरागढ़ में कई जगह बादल फटे हैं, बागेश्वर में बारिश के चलते सरयू और गोमती का जलस्तर काफी बढ़ गया हैं।
चमोली में भी बादल फटने से अलकनंदा का जलस्तर खतरे के निशान से उपर चला गया है। वहीं ऋषिकेश-बद्रीनाथ मार्ग पर तोता घाटी के समीप राजमार्ग पर चट्टान आ गिरी, जिससे हाईवे बंद हो गया। उधर, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे पर यातायात सुचारु है।
पिथौरागढ़ और चमोली में आफत की बारिश
दोनों जिलों में सुबह से तेज भारी हो रही है। डीडीहाट और थल तहसील क्षेत्र में बादल फटे हैं। सिंगाली, दाफिला, बस्तड़ी और नौलाड़ा क्षेत्र में बादल फटने से जमीन से पानी निकल रहा है। नौलाड़ा क्षेत्र के चिफलवाकुमल्गोनि में एक मकान पहाड़ी से आए मलबे में दब गया। इससे एक ही एक ही परिवार के तीनों सदस्य दब गए। सूचना पर राहत बचाव कार्य शुरू किया गया।
चमोली में बादल फटने की वजह से अलकनंदा का जलस्तर तेजी से बढ़ गया और खतरे के निशान से ऊपर है। इसके चलते निचले इलकों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है।
टोपराधार दाफिला में दो माकन ध्वस्त होने से तीन जानवर मलबे में दबकर मर गए। थल और मुवानी के बीच मार्ग में मलबा आने से मार्ग बंद हो गया है। वहीं, थल-डीडीहाट-अस्कोट मार्ग भी मलबे से पट चूका है। जौलजीबी से बरम के बीच खन्पैरा के पास नाले के उफान में आने से 2 पुल बह गये है। सिंचाईगूल और ग्रिफ का डिपो भी गोरी नदी की भेंट चढ़ चूका है। पुरे जिले में संचार सेवा ठप है।
ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे बंद
ऋषिकेश-बद्रीनाथ मार्ग पर तोता घाटी के समीप राजमार्ग पर चट्टान आ गिरी। इससे प्रातः चार बजे से राजमार्ग बंद है। फिलहाल चट्टान को हटाने का काम जारी है। प्रभारी थानाध्यक्ष देवप्रयाग हीरामणि पोखरिया ने बताया कि क्षेत्र में रात से ही भारी बारिश जरी है, जिससे तोताघाटी के समीप प्रातः 4:00 बजे मार्ग अवरुद्ध हो गया था। जेसीबी की मदद से मार्ग को खोने का काम जारी है, फिलहाल मार्ग बंद होने से दोनों ओर लंबा जाम लग गया है।