शक्तिपीठ पावागढ़
नवरात्र पर देवी की आराधना में पावागढ़ महत्वपूर्ण है। गुजरात में स्थित पावागढ़ की गिनती देश के प्रमुख शक्तिपीठों में होती है। माना जाता है कि देवी सती के दाएं पैर का अंगूठा गिरने के कारण इस जगह का नाम पावागढ़ हुआ।
नवरात्र पर देवी की आराधना में पावागढ़ महत्वपूर्ण है। गुजरात में स्थित पावागढ़ की गिनती देश के प्रमुख शक्तिपीठों में होती है। माना जाता है कि देवी सती के दाएं पैर का अंगूठा गिरने के कारण इस जगह का नाम पावागढ़ हुआ। गुजरात में गरबे के लिए देवी का आज्जन करने वाले प्रमुख भजन- पंखिड़ा रे उड़ी जाजो पावागढ़ रे, मां काली ने जाइने केइजो गरबो रमे रे, पावागढ़ पर ही है। यह मंदिर गुजरात की प्राचीन राजधानी चंपारण के पास स्थित है, जो वडोदरा से लगभग 50 किलोमीटर दूर है। पावागढ़ मंदिर ऊंची पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह भी कहा जाता है कि सब तरफ खाई होने से यहां हवा इतनी तेज होती है कि इसका नाम पावागढ़ (पवन का गढ़) पड़ गया।
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