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इसबार इस समय करें गणपित स्थापना, धन की होगी प्राप्ति

शास्त्रीय मान्यता में इसे पाताल की भद्रा माना जाता है। यह भद्रा धन की प्राप्ति कराने वाली है। इसमें गणपति स्थापना तथा गौरी पुत्र की आराधना करने से रिद्घि-सिद्घि तथा ऐश्वर्य की प्रा

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 31 Aug 2016 11:40 AM (IST)Updated: Mon, 05 Sep 2016 09:46 AM (IST)

हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष चतुर्थी को इसी दिन समस्त विघ्न बाधाओं को दूर करने वाले भगवान शंकर और माता पार्वती के पुत्र श्री गणेशजी का आविर्भाव हुआ था। भगवान विनायक के जन्मदिवस पर मनाया जाने वाला यह महापर्व महाराष्ट्र सहित भारत के सभी राज्यों में हर्षोल्लासपूर्वक और भव्य तरीके से आयोजित किया जाता है। भादौ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर 5 सितंबर को पार्थिव गणेश की स्थापना होगी। इसके साथ ही दस दिवसीय गणेश उत्सव का शुभारंभ होगा। ज्योतिषियों के अनुसार गणेश चतुर्थी पर सुबह 8.02 बजे से रात 9.10 बजे तक भद्रा रहेगी। आमतौर पर भद्रा को अनिष्टकारी माना जाता है। इसीलिए भद्रा की अवधि में शुभ मांगलिक कार्य करना वर्जित कहा गया है।

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लेकिन इस बार चतुर्थी पर तुला राशि में आ रही भद्रा शुभफलदायी रहेगी। इस अवधि में गणपित स्थापना करने से धन व ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी। ज्योतिषाचार्य के अनुसार गणेश चतुर्थी सोमवार के दिन चित्रा नक्षत्र, शक्ल योग तथा तुला राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। इस दिन सुबह से रात तक भद्रा भी है। भद्रा को लोग अनिष्टाकरी मानते हैं। लेकिन अलग-अलग भद्रा भिन्न फल देती है। गणेश चतुर्थी पर चंद्र राशि के अनुसार तुला राशि में भद्रा रहेगी।

शास्त्रीय मान्यता में इसे पाताल की भद्रा माना जाता है। यह भद्रा धन की प्राप्ति कराने वाली है। इसमें गणपति स्थापना तथा गौरी पुत्र की आराधना करने से रिद्घि-सिद्घि तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

शुभ अभिजीत में करें स्थापना

भगवान गणेश का स्थापना पर्वकाल मध्याह्‌न पक्ष का है। इसलिए दोपहर 11.30 से 12.55 तक शुभ अभिजीत मुहूर्त में गणपित स्थापना करना श्रेयष्कर रहेगा। इसके अलावा विभिन्न मुहूर्तों में भी गणपति स्थापना की जा सकती है। यह मुहूर्त खास सुबह 6 से 7.30 अमृत सुबह 9 से 10.30 शुभ दोपहर 1.30 से 3.00 चंचल दोपहर 3.00 से 4.30 लाभ शाम 4.30 से 6.00 बजे तक।

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