Move to Jagran APP

जन्माष्टमी पर कृष्णा के इस मंत्र का जाप अतिफलदायक व सारे कष्‍टों को दूर करता है

भगवान श्रीकृष्ण, बाल-गोपाल श्रीकृष्ण के मंत्र ना सिर्फ आर्थिक समस्या दूर करते हैं बल्कि जीवन की हर परेशानी में कान्हा के चमत्कारी मंत्र सहायक सिद्ध होते हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 22 Aug 2016 12:15 PM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 10:40 AM (IST)
जन्माष्टमी पर कृष्णा के इस मंत्र का जाप अतिफलदायक व सारे कष्‍टों को दूर करता है

भगवान श्रीकृष्ण, बाल-गोपाल श्रीकृष्ण के मंत्र ना सिर्फ आर्थिक समस्या दूर करते हैं बल्कि जीवन की हर परेशानी में कान्हा के चमत्कारी मंत्र सहायक सिद्ध होते हैं। चाहे संतान प्राप्ति हो या घर में होने वाले कलह, लव मैरिज हो या विजय प्राप्ति की अभिलाषा, हर समस्या का अंत करते हैं श्रीकृष्ण के प्रस्तुत मंत्र :

loksabha election banner

कृं कृष्णाय नम: यह स्वयं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा बताया गया मूलमंत्र है। इसके प्रयोग से रुका हुआ धन प्राप्त होता है। इसके अलावा इस मूलमंत्र का जाप करने से घर-परिवार में सुख की वर्षा होती है।

ऊं श्रीं नम: श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा - यह श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर महामंत्र है। अन्य मंत्र शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार 108 बार जाप करने से ही सिद्ध हो जाते हैं लेकिन इस महामंत्र का पांच लाख जाप करने से ही सिद्ध होता है। इससे अटके काम पूरे होते हैं।


गोवल्लभाय स्वाहा- ये केवल दो शब्द दिखाई देते हैं लेकिन धार्मिक संदर्भ से देखें तो इन शब्दों को बनाने के लिए प्रयोग में आए सात अक्षर बेहद महत्वपूर्ण हैं। यदि उच्चारण के समय एक भी अक्षर सही से नहीं पढ़ा जाए, तो इस मंत्र का असर खत्म हो जाता है।

गोकुल नाथाय नम:- इस आठ अक्षरों वाले श्रीकृष्ण मंत्र का जो भी साधक जाप करता है उसकी सभी इच्छाएं व अभिलाषाएं पूर्ण होती हैं। आर्थिक, आत्मिक और भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।

क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नम:- इस मंत्र का प्रयोग साधक आर्थिक स्थिति में सुधार की कामना से करते हैं। यह संपूर्ण सिद्धि देना वाला मंत्र है। यह मंत्र आर्थिक स्थिति में सुधार ही नहीं करता बल्कि उसे दृढ़ भी बनाता है।

घर में होता हो कलह तो पढ़ें यह मंत्र- कृष्णाष्टमी का व्रत करने वालों के सब क्लेश दूर हो जाते हैं। दुख-दरिद्रता से उद्धार होता है। जिन परिवारों में कलह-क्लेश के कारण अशांति का वातावरण हो, वहां घर के लोग जन्माष्टमी का व्रत करने के साथ इस मंत्र का अधिकाधिक जप करें : कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:॥ इस मंत्र का नित्य जप करते हुए श्रीकृष्ण की आराधना करें। इससे परिवार में खुशियां वापस लौट आएंगी।

ऊं नमो भगवते श्रीगोविन्दाय- यह ऐसा मंत्र है जो विवाह से जुड़ा है। जो जातक प्रेम विवाह करना चाहते हैं लेकिन किन्हीं कारणों से हो नहीं रहा तो वे प्रात: काल में स्नान के बाद ध्यानपूर्वक इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्र्सो- यह मंत्र उच्चारण में थोड़ा कठिन जरूर है लेकिन इसका प्रभाव अचूक है। यह मंत्र वाणी का वरदान देता है।

जिन लड़कों का विवाह नहीं हो रहा हो या प्रेम विवाह में विलंब हो रहा हो, उन्हें शीघ्र मनपसंद विवाह के लिए श्रीकृष्ण के इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए-

क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।'

जिन कन्याओं का विवाह नहीं हो रहा हो या विवाह में विलंब हो रहा हो, उन कन्याओं को श्रीकृष्ण जैसे सुंदर पति की प्राप्ति के लिए माता कात्यायनी के इस मंत्र का जप वैसे ही करना चाहिए जैसे द्वापर युग में श्रीकृष्ण को पति रूप में पाने के लिए गोकुल की गोपियों ने किया था।

कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।

नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरू ते नम:।।

जिन व्यक्तियों के कोई गुरु न हो या किसी पारंपरिक वैदिक संप्रदाय में दीक्षित न हो, उन्हें गुरुभक्ति प्राप्त करने के लिए जन्माष्टमी के शुभ समय में इस मंत्र का जप करना चाहिए-

वसुदेव सुतं देवं कंस चाणूर्मर्दनम्।

देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्।।

शीघ्र संतान प्राप्ति के लिए घर में श्रीकृष्ण के बालस्वरूप लड्डूगोपालजी की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। अनेक पुराणों में वर्णित संतान प्राप्ति का यह सबसे सहज उपाय है। कान्हा जैसी सुंदर संतान के लिए इस मंत्र का उच्चारण करें-

सर्वधर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।

अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच।।

जिन परिवारों में संतान सुख न हो कुंडली में बुध और गुरु संतान प्राप्ति में बाधक हों तब पति-पत्नी दोनों को तुलसी की शुद्ध माला से पवित्रता के साथ 'संतान गोपाल मंत्र' का नित्य 108 बार जप करना चाहिए या विद्वान ब्राह्मणों से सवा लाख जप करवाने चाहिए-

देवकीसुतं गोविन्दम् वासुदेव जगत्पते।

देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।

जीवन में आने वाली विपरीत परिस्थितियों में विजय प्राप्त करने के लिए श्रीमद्भगवद्गीता के इस श्लोक को पढ़ना चाहिए-

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।

अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।

सभी प्रकार की संपत्ति प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन इस मंत्र का उच्चारण करें-

यत्र योगेश्वर: श्रीकृष्ण: यत्र पार्थो धनुर्धर:।

तत्र श्रीर्विजयो भूतिध्रुवा नीतिर्मतिर्मम।।

दुख या क्लेश के निवारण के लिए श्रीकृष्ण का ध्यान करते हुए 11 बार निम्नलिखित मंत्र का जप एकाग्रचित्त होकर करना चाहिए-

कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।

प्रणत क्लेशनाशय गोविंदाय नमो नम।।

पढे; जानें, कृष्ण के बारे में ऐसी अनोखी अदभुत बातें जो आपने शायद ही सुनी होगी

पढे; इस बार जन्माष्टमी कृष्ण जन्म के समय बनने वाले संयोगों के साथ विशेष फलदायी रहेगी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.