जानें, श्रावण मास में किस तरह की गई हनुमानजी की साधना होती है फलदायी
हनुमान जी एकादश रुद्र अवतार हैं, वे भगवान शंकर के ग्यारहवें अवतार माने जाते हैं। सावन के महीने के मंगलवार को हनुमानजी की साधना बड़ी फलदायी मानी जाती है। यह उपाय संकट नाश करता है।
भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सावन में अवश्य करें हनुमान जी की पूजा। बजरंग बली को भगवान शिव का ही ग्यारहवां अवतार माना गया है। भोलेनाथ की तरह वे भी अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं । अगर बजरंग बली को प्रसन्न करना है और साथ ही शिव जी का आशीर्वाद पाना है तो श्रावण महीने में हनुमान जी का पूजन जरूर करना चाहिए । सावन में मंगलवार के दिन चोला चढ़ाने से बजरंग बली प्रसन्न होते हैं ।
हनुमान जी को चोला चढ़ाने के लिए चमेली के तेल का उपयोग करें । साथ ही चमेली के तेल का एक दीपक भी हनुमानजी के सामने जला कर रखें । तत्पश्चात एक साबुत पान का पत्ता लें और इस पर थोड़ा गुड़ व चना रख कर हनुमानजी को भोग लगाएं । भोग लगाने के तत्पश्चात उसी स्थान पर थोड़ी देर बैठकर तुलसी की माला से इस मंत्र का जप करें
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने।।
इस पूजन के समाप्त होने के बाद हनुमानजी को चढ़ाई गई गुलाब के फूलों की माला से एक फूल तोड़ कर उसे एक लाल कपड़े में लपेटकर अपने धन स्थान यानी तिजोरी में रखें । इस उपाय से आपको कभी आर्थिक समस्या नहीं होगी ।
हनुमान जी एकादश रुद्र अवतार हैं अर्थात वे भगवान शंकर के ग्यारहवें अवतार माने जाते हैं। पंचांग के अनुसार श्राावण हिंदू वर्ष का पांचवा महीना है और शिव भक्ति का ही विशेष काल है। श्रावण मास हिन्दू सनातन परंपराओं के अनुसार मनुष्य जीवन के चार संयम की अहमियत बताने वाला महीना है। एकादश रुद्र अवतार का चरित्र भी संयम, शौर्य, पराक्रम, बुद्धि, बल, पवित्रता, संकल्प शक्तियों के बूते जीवन को कष्ट, बाधाओं व संकटों से दूर रखने की प्रेरणा देता है।
सावन के महीने के मंगलवार को हनुमानजी की साधना बड़ी फलदायी मानी जाती है। हनुमान उपासना के साथ उपायों को अपनाकर जीवन में आ रही अनेक परेशानियों और बाधाओं से फौरन निजात पाया जा सकता है। भगवान शंकर की भांति श्री हनुमान की भक्ति में शुद्ध और पवित्र आचरण, विचार और व्यवहार से जीवन में निर्भयता, आत्मविश्वास और प्रेम आता है। जिससे इंसान जीवन के हर क्षेत्र में मजबूती के साथ कदम बढ़ाता चला जाता है।
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उपाय:
मंगलवार को शिवालय में स्थित हनुमान जी की प्रतिमा का पंचोपचार पूजन करें। चमेली के तेल का दीपक जलाएं। अगरबत्ती जलाएं। सिंदूर चढ़ाएं। गुडहल के लाल फूल चढ़ाएं। गुड़ का भोग लगाएं। सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर श्री हनुमान जी को इस मंत्र से सफलता की कामना के साथ चोला चढ़ाएं।
मंत्र: दिव्यनामसमुद्भुतं सर्वमंगलारकम्। तैलाभ्यंगयिष्यामि सिन्दूरं गृह्यतां प्रभो।।
चोला चढाने के बाद शिवलिंग की पंचोपचार पूजा करें। शुद्ध घी में सिंदूर मिलाकर दीपक करें। गूगल से धूप करें। लाल कनेर के फूल चढ़ाएं। सिंदूर से शिवलिंग पर तिलक करें। और मिष्ठान का भोग लगाएं। पूजा के बाद इस मंत्र का 108 रुद्राक्ष की माला से जाप करें।
मंत्र: ॐ क्रीं योगपट्टाभिरामाय नमः शिवाय ।।
पूजा-पाठ के बाद शिवलिंग और हनुमान जी की आरती करें। हनुमान जी पर चढ़े हुए सिंदूर से घर के मुख्यद्वार पर स्वस्तिक बनाएं। यह उपाय सफलता देने के साथ-साथ संकट का नाश भी करता है।
बजरंग बली भोलेनाथ की तरह अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं। अगर उनको प्रसन्न करना है और साथ ही शिव जी का आशीर्वाद पाना है तो सावन के महीने में हनुमान पूजन जरूर करना चाहिए। सावन में मंगलवार के दिन चोला चढ़ाने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।