Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या आप जानते हैं यहां भगवान के लिए आती है चिट्ठी

    आपने देश का कोई ऐसा मंदिर देखा है, जहां भगवान के चरणों में शादी के कार्डस का अंबार लगा रहता हो। सवाई माधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर के किले के अंदर है प्रसिद्ध गणेश जी का मंदिर। इनकी महिमा अद्भूत है इसलिए हर शुभ की शुरूआत करने से पहले यहां

    By Preeti jhaEdited By: Updated: Mon, 08 Dec 2014 01:00 PM (IST)

    आपने देश का कोई ऐसा मंदिर देखा है, जहां भगवान के चरणों में शादी के कार्डस का अंबार लगा रहता हो। सवाई माधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर के किले के अंदर है प्रसिद्ध गणेश जी का मंदिर। इनकी महिमा अद्भूत है इसलिए हर शुभ की शुरूआत करने से पहले यहां के लोग भगवान गणेश को निमंत्रित करना नहीं भूलते। भगवान के नाम से आई डाक को डाकिया भी बहुत आस्था भाव से लाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    घर में कोई भी मांगलिक कार्य हो लोग गणेश जी को बुलाने के लिए यहां रणथंभौर वाले गणेश जी के नाम कार्ड भेजना नहीं भूलते। वैसे तो गणेश जी देश भर में प्रथम पूज्य देवता माने जाते हैं पर किले के गणेश जी के मंदिर की खास महत्ता है।

    चौदहवीं सदी का मंदिर - कहा जाता है ये मंदिर 1299 ईश्वी में रणथंभौर के राजा हमीर ने बनवाया था। युद्ध के दौरान राजा के सपने में गणेश जी आए और उन्हें आशीर्वाद दिया। इसके बाद राजा की युद्ध में विजय हुई और उन्होंने किले में मंदिर का निर्माण कराया। मंदिर परिसर में गणेश जी उनकी पत्नी रिद्धि और सिद्धि के साथ ही बेटे शुभ-लाभ की स्थापना की गई है। गणेश के वहान मुसिकराज भी मंदिर में विराजमान हैं। गणेश चतुर्थी के दिन किले के मंदिर में भव्य समारोह मनाया जाता है और विशेष पूजा अर्चना की जाती है। साल के बाकी दिनों में हर बुधवार को गणेश मंदिर में ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते हैं क्योंकि बुधवार को गणेश जी का दिन माना जाता है।

    किले के परिसर में स्थित मंदिर के बगल से गुप्त गंगा नामक छोटी सी धारा बहती है। इसके आसपास पक्षियों का बसेरा देखने को मिलता है जो बड़ा ही मनोरम नजारा पेश करते हैं।

    सवाई माधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर के किले के अंदर है प्रसिद्ध गणेश जी का मंदिर। कहते हैं कहीं भी कोई शादी व्याह हो सबसे पहला कार्ड रणथंभौर के गणेश जी के नाम भेजा जाता है। यह शायद देश का एकमात्र मंदिर होगा जहां भगवान के नाम डाक आती है। खासकर राजस्थान के कई जिलों को लोग अपने घर में होने वाले हर मांगलिक आयोजन पर पहला कार्ड यहां के गणेश जी के नाम भेजते हैं। लोग पते में लिखते हैं-

    श्री गणेश जी, रणथंभौर का किला

    जिला- सवाई माधोपुर (राजस्थान)।

    यहां का डाकिया बड़े सम्मान से इस डाक को मंदिर में पहुंचा देता है। पुजारी इस डाक को भगवान गणेश के चरणों में रख देते हैं। मंदिर में हर रोज भगवान के नाम आने वाली सैकड़ो चि_ियों को देखा जा सकता है।

    रणथंभौर का किला - सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन से 12 किलोमीटर दूर है रणथंभौर का किला। इतिहास में कई लड़ाइयों का साक्षी रणथंभौर अब जाना जाता है टाइगर सफारी के लिए या गणेश जी के मंदिर के लिए। चौहान राजाओं ने ये किला 10वीं सदी में बनवाया था। इस किले से चौहान राजाओं ने कई लड़ाइयां लड़ी। लेकिन 1569 में इस किले पर अकबर का कब्जा हो गया। किले के आसपास बहुत बड़ा इलाका जंगल है। इस किले के आसपास कई तालाब भी हैं। इन तालाबों को अलग अलग नाम से जाना जाता है। पद्म तालाब, राजाबाग का तालाब, मलिक तालाब आदि।

    सवाई माधोपुर का प्रमुख आकर्षण गणेश मंदिर है। देश के हर हिस्से से हजारों लोग सुख समृद्धि के इस देवता का आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं। मंदिर का मुख्य आकर्षण भगवान गणेश को मिलने वाले शादी के निमंत्रण हैं। भद्रपद सुदी चतुर्थी को यहां मेले का आयोजन किया जाता है।

    अमरश्वर महादेव मंदिर -

    रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के रास्ते में खूबसूरत पहाडिय़ों के बीच पवित्र अमरश्वर महादेव मंदिर स्थ्ति है। यह स्थान सवाई माधोपुर का प्रमुख पिकनिक स्पॉट भी है।

    रामेश्वरम धाम -

    सवाई माधोपुर से 60 किमी. दूर बनास और चंबल नदियों के संगम पर रामेश्वरम स्थित है। यहां पर एक सुंदर शिव मंदिर है। मंदिर में हर साल शिव रात्रि के दिन मेला आयोजित किया जाता है।

    चमत्कार मंदिर -

    चमत्कार मंदिर सवाई माधोपुर शहर में रेलवे स्टेशन मुख्य मार्ग पर स्थित है। यह मंदिर अनेक चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है। हर साल शरद पूर्णिमा के दिन यहां मेला लगता है।

    काला-गोरा भैरव मंदिर -

    शहर के पूर्वी ओर आकाश की ऊंचाइयों को छूता भैरव का तांत्रिक स्थल है। इसके द्वार पर सूंड उठाकर खड़े हुए हाथी बने हुए हैं। मंदिर का मुख्य आकर्षण काला-गोरा भैरव है जो तामसी और राजसी शैली में देखा जा सकता है।