श्रद्धा का केंद्र है बगलामुखी मंदिर
हिमाचल प्रदेश देवताओं व ऋषि-मुनियों की तपोस्थली रहा है। कांगड़ा जनपद के कोटला कस्बा स्थित मां श्री बगलामुखी जी का सिद्ध शक्तिपीठ है, जो लाखों लोगों की ...और पढ़ें

अमृतसर। हिमाचल प्रदेश देवताओं व ऋषि-मुनियों की तपोस्थली रहा है। कांगड़ा जनपद के कोटला कस्बा स्थित मां श्री बगलामुखी जी का सिद्ध शक्तिपीठ है, जो लाखों लोगों की आस्था का केन्द्र है। वर्ष भर यहां श्रद्धालु मन्नत मांगने व मनोरथ पूर्ण होने पर आते-जाते रहते हैं। राष्ट्रीय राज मार्ग पर कांगड़ा एयरपोर्ट से पठानकोट की ओर 25 किलोमीटर दूर कोटला कस्बा में ऊंची पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर के चारों ओर घना जंगल व दरिया है। यह मंदिर एक प्राचीन किले के अंदर स्थित है। कहा जाता है कि यह किला गुलेर के राजा रामचंद्र ने लगभग 1500 ई. में बनवाया था। मां बगलामुखी के इस मंदिर का उल्लेख पांडुलिपियों में भी मिलता है। पांडुलिपियों में मां के जिस स्वरूप का वर्णन है। मां उसी स्वरूप में यहां विराजमान है। ये पीतवर्ण के वस्त्र, पीत आभूषण तथा पीले पुष्पों की ही माला धारण करती हैं। इनके एक हाथ में शत्रु की जिहवा और दूसरे हाथ में मुदगर हैं। मंदिर में हर वर्ष मां बगलामुखी की जयंती पर यहां मां का अनुष्ठान व विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है।
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