महाश्वेता देवी ने दिया इस्तीफा
विद्यासागर पुरस्कार के लिए एक लेखक के बारे में उनकी सिफारिश को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किए जाने से खिन्न प्रख्यात लेखिका महाश्वेता देवी ने बंगाल अकादमी से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि वह अपमानित महसूस कर रही हैं।

कोलकाता। विद्यासागर पुरस्कार के लिए एक लेखक के बारे में उनकी सिफारिश को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किए जाने से खिन्न प्रख्यात लेखिका महाश्वेता देवी ने बंगाल अकादमी से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि वह अपमानित महसूस कर रही हैं।
मैगसायसाय पुरस्कार प्राप्त 86 वर्षीय लेखिका ने कहा कि मैंने अपने जीवन में एक लेखिका के तौर पर कभी इतना अपमानित महसूस नहीं किया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय को उचित नहीं ठहराया जा सकता।
पिछले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांगे्रस के लिए सक्रियता से प्रचार करने वाली महाश्वेता देवी ने कहा कि उन्होंने अपना त्यागपत्र मुख्यमंत्री के पास फैक्स कर दिया है। उन्होंने बताया कि अकादमी की हाल में हुई बैठक में उन्होंने विद्यासागर अवार्ड के लिए दो लेखकों के नामों की सिफारिश की थी। लेकिन बाद में सरकार ने उनमें से एक के नाम को खारिज कर दिया।
लेखिका ने कहा कि बैठक में वह सर्वसम्मति से किया गया निर्णय था। हर किसी ने नामों पर सहमति जताई थी। लेकिन मुझे नहीं मालूम कि अंतिम सूची में से एक नाम को मेरी जानकारी के बिना क्यों निकाल दिया गया। बहरहाल, महाश्वेता देवी ने उस लेखक का नाम बताने से इन्कार कर दिया जिसकी सिफारिश उन्होंने की थी।
साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त लेखिका ने पूर्व में राज्य सरकार को फासीवादी करार दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगला सरकार लोगों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है।
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