Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    न्यायिक अधिकारी ने पति के रहते रचाई दूसरी शादी, हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

    By Preeti jhaEdited By:
    Updated: Wed, 11 Jul 2018 07:11 PM (IST)

    राजस्थान की एक महिला न्यायिक अधिकारी ने पति के रहते हुए दूसरे व्यक्ति से विवाह कर लिया।

    Hero Image
    न्यायिक अधिकारी ने पति के रहते रचाई दूसरी शादी, हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

    जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान की एक महिला न्यायिक अधिकारी ने पति के रहते हुए दूसरे व्यक्ति से विवाह कर लिया। इस मामले में हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन, रजिस्ट्रार जनरल, रजिस्ट्रार (प्रशासन), महिला न्यायिक अधिकारी और प्रमुख विधि सचिव से जवाब मांगा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    न्यायाधीश दिनेश चन्द्र सोमानी और मनीष भण्डारी की खण्डपीठ ने जयपुर निवासी अनुराग वर्मा की याचिका पर यह आदेश दिया है।प्रार्थीपक्ष की ओर से अधिवक्ता आनन्द शर्मा ने कोर्ट को बताया कि प्रार्थी ने 10 अप्रेल 2013 को हिन्दू रीति से विवाह किया और 29 जुलाई 2013 को विवाह पंजीकृत हो गया। इसी बीच दो दिसम्बर 2013 को प्रार्थी की पत्नी का राजस्थान न्यायिक सेवा में चयन हो गया।

    याचिका के अनुसार प्रार्थी के पत्नी ने पहले पढ़ाई और फिर परीवीक्षा काल के नाम पर साथ रहने में असमर्थता जाहिर की। इसी बीच 24 जून 2017 को प्रार्थी की पत्नी बताई जा रही महिला न्यायिक अधिकारी ने एक अन्य न्यायिक अधिकारी से जोधपुर में विवाह कर लिया और 30 जून 17 को शादी को पंजीकृत भी करा लिया।

    राजस्थान सिविल सेवा (आचरण) नियम में प्रावधान है कि कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं कर सकता। एेसी शादी तभी संभव है, जब पर्सनल लॉ अनुमति देता हो । प्रार्थी पक्ष का आरोप है कि महिला न्यायिक अधिकारी ने चयन के लिए अविवाहित होने का झूठा शपथ पत्र पेश करके भी सत्यता छिपाई ।

    महिला न्यायिक अधिकारी के दो पति होने के कारण उसे सेवा में रहने का अधिकार नहीं है। याचिका में यह भी कहा है कि झूठा शपथ पत्र पेश कर नौकरी हासिल करने के कारण अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाए। प्रार्थी पक्ष ने यह भी कहा कि झूठा शपथ देने और दूसरी शादी करने के मामले में तीन शिकायत की गई, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।