लिटरेचर फेस्टिवल में छाए सलमान रूश्दी
नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। विवादास्पद लेखक सलमान रूश्दी खुद तो पांच दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल होने जयपुर नहीं पहुंचे, लेकिन शनिवार को दूसरे दिन भी उनकी स्वयं की एवं पुस्तक सैटेनिक वर्सेज की गूंज रही।
पुस्तक की फोटो कॉफी लोगों में बांटी गई। हालांकि सुरक्षा के लिहाज से प्रशासन एवं फेस्टिवल आयोजकों ने उनकी यात्रा रद्द होने के बाद इस बात के इंतजाम किए थे कि रूश्दी की चर्चा भी हो, लेकिन फिर भी उनकी विवादास्पद पुस्तक की फोटो प्रतियां खूब बिकी।
फेस्टिवल में पहुंचे लोगों में भी उनकी चर्चा रही। दैनिक जागरण को सूचना मिली है कि साहित्य प्रेमियों व साहित्यकारों की मांग को देखते हुए आयोजक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से रूश्दी को रूबरू करा सकते है। यह काम फेस्टिवल के अंतिम दिन होगा। इस बात की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार ने कांफ्रेंस आयोजकों से बात की है।
मुख्य सचिव एस अहमद, पुलिस कमिश्नर बीएल सोनी सहित सुरक्षा से जुड़े आला अधिकारियों ने आयोजकों से मुलाकात कर यह समझाने का प्रयास किया कि रूश्दी की वीडियों कांफ्रेंसिंग से तनाव हो सकता है। इससे पहले शुक्रवार को दो लेखकों ने रूश्दी की विवादित पुस्तक के अंश पढ़ने का प्रयास किया था, जिन्हें बाद में रोक दिया गया था।
इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि रूश्दी को धमकी मिली थी, लोगों का विरोध था। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को इस बात की जानकारी दे दी थी। केंद्र ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया व आयोजकों ने भी लोगों की भावनाओं को समझा।
रूश्दी की संभावित यात्रा के विरोध में मुस्लिम समाज आंदोलन कर रहा था। राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर को संगठन केंद्र व राज्य सरकार के समक्ष विरोध दर्ज करा चुके थे। राज्य में कानून व्यवस्था के हालात बिगड़ने की संभावना को देखते हुए खुद मुख्यमंत्री ने दिल्ली जाकर केंद्रीय गृहमंत्री कानून मंत्री व कांग्रेस के आला नेताओं से रूश्दी की यात्रा रद्द कराने का आग्रह किया था।
ट्विटर पर रूश्दी ने कहा, क्यों रोका
जयपुर नहीं आना निराशाजनक है। मुझे बताया गया है कि मुंबई के अंडरवर्ल्ड माफिया को मुझे मारने के लिए सुपारी दी गई है। मैं जानना चाहूंगा कि लेखकों ने जब मेरी किताब पढ़ी तो जेएलएफ के डायरेक्टर विलियम व प्रोड्यूसर संजॉय ने उन्हें क्यों रोका? आखिर ऐसा क्यों हुआ?
चेतन भगत का वार-हीरों नहीं है रूश्दी
भारत में अंग्रेजी उपन्यासों के मामले में इन दिनों सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे चेतन भगत ने सलमान रूश्दी पर अप्रत्यक्ष तौर पर हमला किया है। जयपुर साहित्य सम्मेलन में शनिवार को शिरकत कर रहे चेतन भगत ने सलमान रूश्दी का समर्थन कर रहे लोगों की आलोचना करते हुए कहा कि प्रतिबंधित किताबों के लेखकों को हीरों नहीं बनाना चाहिए। गौरतलब है कि फेस्टिवल में अन्ना पावर्ड, अशोक चक्रधर, राहुल पंडिता, नीलाभ अश्क, हरि कुंझरू, जीत थाइल, डेविड रेमनिक, मोहम्मद हनीफ, कपिल सिब्बल, तरुण तेजपाल, विजयशंकर व्यास, सीपी देवल, माइकल ओनडटजी, कामिन मोहम्मदी, नवदीप सूरी,कबीर बेदी, डेविड हार्रे, गिरीश कर्नाड, किशोर ठुकराल, इफ्तिखार गिलानी, अंतुम जामरूद, साहिल मकबूल सहित अनेक लेखक एवं साहित्यकार शामिल हो रहे है। इधर दीप्ती नवल, कबीर बेदी व इला अरुण ने भी उपस्थिति दर्ज कराई।
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