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    सर्राफा हड़ताल के कारण 23 हजार करोड़ का कारोबार संकट में

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Mon, 28 Mar 2016 05:18 AM (IST)

    पारियों की हड़ताल जारी रहने से राजस्थान की अर्थव्यवस्था पर नुकसान पडऩा तय है। कृषि और टैक्सटाइल के बाद जेम्स एवं ज्वैलरी ही राज्य का वह उद्योग है, जिसका राज्य की जीडीपी में बड़ा योगदान है।

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    जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। सर्राफा व्यापारियों की हड़ताल जारी रहने से राजस्थान की अर्थव्यवस्था पर नुकसान पडऩा तय है। कृषि और टैक्सटाइल के बाद जेम्स एवं ज्वैलरी ही राज्य का वह उद्योग है, जिसका राज्य की जीडीपी में बड़ा योगदान है। देश में जेम्स एवं ज्वैलरी उद्योग का आकार बढ़कर 3.15 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है। जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी 3.5 फीसदी है। वहीं राजस्थान में यह उद्योग 23 हजार करोड़ प्रतिवर्ष का है। इसमें हजारों लोगों को रोजगार भी मिला हुआ है। सर्राफा हड़ताल के लगातार जारी रहने से जहां जेवरों का निर्माण ठप पड़ा है, वहीं विदेशों से आए करोड़ों के निर्यात ऑर्डर अटक गए हैं।

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    राजस्थान में प्रति वर्ष करीब 20 हजार करोड़ रुपए का सोने का और 3000 करोड़ रुपए का मूल्यवान एवं अद्र्ध मूल्यवान पत्थरों का व्यापार होता है। जबकि तीन हजार करोड़ रुपए की ज्वैलरी और जेम्स का निर्यात किया जाता है।

    हड़ताल के कारण यूनिटों को सोना एवं हीरे नहीं मिल पा रहे हैं। इससे निर्माण इकाईयों में विदेशों से आए ऑर्डर का माल बनना बंद हो गया है। हाल ही में हांगकांग, दोहा और बैंकाक में ज्वैलरी शो हुए थे, जिसमें जयपुर के जौहरियों को करीब पांच हजार करोड़ के ऑर्डर मिले थे। अब इन ऑर्डरों को पूरा करना असंभव हो गया है।

    जानकारी के अनुसार प्रत्यक्ष तौर पर जयपुर सहित राज्यभर में इस उद्योग से करीब 55 हजार लोग जुड़े हुए हैं। फेडरेशन ऑफ राजस्थान एक्सपोर्टर्स के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने बताया कि सरकार ने मेक इन इंडिया के उलट एक्साइज ड्यूटी लगा दी। यह अन्यायपूर्ण और नुकसानदायक है।