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    रोटी मांगने पर दिया गोबर, गुप्तांग में लगाया करंट

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sun, 05 Jun 2016 11:26 AM (IST)

    पंजाब में सात दलितों पर अमानवीय अत्‍याचार का सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक अकाली सरपंच ने पशुओं की चोरी के शक में सात दलितों पर अत्‍याचार किया। ये द ...और पढ़ें

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    तरनतारन, [धर्मवीर सिंह मल्हार ]। पंजाब में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। अब, तरनतारन जिले में एक अकाली सरपंच ने अपने परिजनों व लोगों के साथ मिलकर सात दलितों पर अमनानवीय अत्याचार किया। सरपंच को शक था कि इन लाेगों ने गांव में पशुओं की चोरी की है। सरपंच ने न इन दलितों को अपनी हवेली में बंधक बनाया। आरोप है कि खाने के लिए रोटी मांगने पर उन्हें गोबर दिया जाता था और उनके गुप्तांग में करंट भी लगाया जाता था। आरोप है कि इसमें पुलिस भी उसका साथ देती थी।

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    तरनतारन के गांव में अकाली सरपंच ने सात दलितों को बंधक बनाकर ढाया कहर

    जानकारी के अनुसार, गांव ठट्ठगढ़ के अकाली सरपंच के तीन माह पहले करीब 12 पशु चोरी हो गए थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर पशु बरामद कर लिए। इसके बाद अकाली सरपंच ने गांव के दलितों को सबक सिखाने की ठानी। सरपंच ने अपनी हवेली में टॉर्चर सेंटर बनाया। इसमें उसका साथ बेटे व भतीजे ने दिया।

    पशुआें की चोरी के शक में उठाया, पुलिस पर भी सहयोग देने का आरोप

    पीडि़तों का आरोप है कि 28 मई की शाम को सरपंच के लोगों ने 50 वर्षीय दिलबाग सिंह, उसके भाई बलविंदर सिंह, बिक्कर सिंह (20 साल), भिंदर सिंह (18 साल), निर्मल सिंह (21 साल), हरपाल सिंह (24 साल) व अमन (21) को उनके घरों से उठा लिया। सभी को सरपंच हवेली में ले जाया गया और वहां टॉर्चर देना शुरू कर दिया गया।

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    दिलबाग ने बताया कि सरपंच ने बहुत ही अमानवीय व्यवहार किया। वे जब खाना मांगते थे तो सरपंच के लोग थाली में गोबर देते थे और शोर मचाने पर गुप्तांग में करंट लगाया जाता था। दिन में सरपंच कहर ढहाता और रात को वह सभी को गाड़ी में ले जाकर अमृतसर के थाना गेट हकीमां की पुलिस चौकी फताहपुर में बंद कर देता था। चौकी में भी पुलिस अत्याचार करती थी। पुलिस कर्मी रोजाना कोरे कागजों पर साइन करवा लेते थे।

    दिलबाग ने बताया कि तीन दिन पहले वह बेहोश हो गया। इस पर उसे छोड़ दिया गया। इसके बाद बख्शीश सिंह व हरपाल सिंह को भी छोड़ दिया गया, लेकिन अभी तक दोनों दहशत के कारण घर नहीं लौटे हैं। वहीं मंजीत कौर, बलविंदर कौर व रंजीत कौर ने बताया कि सरपंच लगातार धमकियां दे रहा है, जिस कारण वह दिलबाग का इलाज भी नहीं करवा पाए।

    एसएसपी मनमोहन कुमार शर्मा ने कहा कि अभी तक किसी ने शिकायत नहीं दी है। मामले की जांच करवाकर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। दूसरी अोर, फताहपुर पुलिस चौकी प्रभारी सतपाल सिंह ने कहा कि सरपंच की शिकायत पर सभी को पशु चुराने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

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    मामले की जांच का आदेश देंगे : डॉ. वेरका

    राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राज कुमार वेरका ने कहा कि वह इस मामले की जांच के आदेश देंगे। किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।