Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आतंकियों के पास पाक से पंजाब में घुसने के कई रास्ते हैं

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sun, 03 Jan 2016 10:55 AM (IST)

    पंजाब में पाकिस्‍तान से घुसपैठ करने के रास्‍ते हैं। एयरफोर्स स्टेशन पर हमला करने वाले चारों आतंकवादियों की घुसपैठ पठानकोट सीमा से होने के संकेत हैं। चारों आतंकी बहावलपुर से प्रशिक्षण लेने के बाद भारत में नरोज जैमल क्षेत्र में घुसे।

    पठानकोट, [श्याम लाल]। एयरफोर्स स्टेशन पर हमला करने वाले चारों आतंकवादियों की घुसपैठ पठानकोट सीमा से होने के संकेत हैं। चारों आतंकवादी पाकिस्तान के बहावलपुर से प्रशिक्षण लेने के बाद भारत में नरोज जैमल क्षेत्र में घुसे। समझा जा रहा है कि यह चारों अंतराष्ट्रीय सीमा से बमियाल होकर खड़कड़ा ठूठोवाल से होते हुए गांव कोलिया अड्डे के पास पहुंचे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पठानकोट में घुसे नरोट जैमल क्षेत्र से, दीनानगर तक आए थे बमियाल से

    31 दिसंबर की रात इन आतंकवादियों ने यहां इकागर सिंह की हत्या कर उसकी इनोवा हाईजेक की। रास्ते में इनोवा पंचर होने के बाद हादसाग्रस्त भी हो गई। इसके बाद इन्होंने इनोवा छोड़ी और वहां एसपी सलविंदर सिंह की गाड़ी मिल गई और उन्होंने इसे हाईजेक कर लिया। इस गाड़ी में सवार होकर वह कुठाणा चौक से कोटली और कोटली से इस गाड़ी को एयरफोर्स स्टेशन के बैक साइड पर स्थित गांव अकालगढ़ के खेतों में ले गए।

    फेंसिंग तो है पर नीचे से निकल आते हैं , रावी से भी आने की आशंका

    कोटली पठानकोट-गुरदासपुर नेशनल हाईवे पर स्थित है। यहां से अकालगढ़ जाने के लिए यूं तो तीन रास्ते हैं लेकिन सबसे साफ और आसान रास्ता वाया धीरा ही कहा जा सकता है। चारों आतंकी जिस प्रकार सहज भाव से दो दिन तक पठानकोट जिले में घूमते रहे उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि उन्होंने इस पूरे क्षेत्र की बढिय़ा तरीके से रेकी कर रखी थी।

    पूरा क्षेत्र कंटीली तारों से है कवर

    भारत-पाक सीमा पर यूं तो आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और पूरे क्षेत्र को कंटीली तार से कवर कर लिया गया है, लेकिन पूरी सीमा में जगह-जगह नदी व नाले होने के कारण आतंकियों का तार के नीचे से गुजर पाना असंभव भी नहीं है।

    पठानकोट जिले में सीमा पर बीएसएफ की सिंबल स्कोल,टींडा फारवर्ड,जैदपुर,काशी बाड़मा,पहाड़ीपुर व ताश पोस्टें हैं। इन सभी पोस्टों के जरिए आतंकवादियों के घुसने की संभावना इसलिए भी व्यक्त की जा रही है क्योंकि पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर से आतंकियों के पठानकोट में प्रवेश पर निगाह रखने के लिए जगह-जगह पर बड़ी संख्या में नाके लगे हुए हैं पर यहां नहीं हैैं।

    दीनानगर के समय भी पाक से ही आए थे आतंकी

    इससे पहले दीनानगर पुलिस स्टेशन पर हुए आतंकवादी हमले के दौरान भी आतंकवादी पाकिस्तान से ही आए थे। पंजाब पुलिस का कहना था कि वह सीमा से नदी व नालों को पार करते हुए पंजाब में प्रवेश किए थे। हालांकि बीएसएफ इस बात को सिरे से खारिज करती रही है कि आतंकवादी पंजाब की सीमा को क्रास करके पठानकोट में प्रवेश किए हैं।

    सीमावर्ती गांव में भी आतंकवादियों की मजबूत पकड़ की आशंका

    पाकिस्तान के साथ सटे पठानकोट जिले के सीमावर्ती गांव में पाक प्रशिक्षित आतंकवादियों की पकड़ मजबूत मानी जा रही है। इस आशंका के चलते पुलिस सीमावर्ती गांव में कई बार सर्च आपरेशन चला चुकी है। चार से पांच दिन पहले चलाए गए इसी तरह के सर्च आपरेशन में पुलिस ने इलाके के लोगों से अपील की थी की अगर किसी के घर भी कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखाई देता है तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें।

    पुलिस इस इलाके में स्थापित गुज्जरों के डेरों को भी कई बार संदेह की दृष्टि से देख चुकी है। पुलिस का संदेह अगर सच में परिवर्तित करके देखें तो कहा जा सकता है कि आतंकी उक्त रास्ते से न केवल पठानकोट में घुसे बल्कि उन्होंने बड़े चैन से भारत में बैठे अपने सहयोगियों के पास आराम भी किया।




    9999