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    मोगा में जीएसटी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज, संगरूर में भी हंगामा

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Wed, 26 Jul 2017 06:40 PM (IST)

    कृषि पर जीएसटी के विरोध में माेगा व संगरूर में किसानों ने प्रदर्शन किया। मोगा में किसानों और पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई। पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसमें कई किसान घायल हो गए।

    मोगा में जीएसटी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज, संगरूर में भी हंगामा

    जेएनएन, मोगा/ संगरूर। कृषि यंत्रों पर लगाए गए जीएसटी के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर माेगा में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। किसान यहां गिरफ्तारियों देने आए थे। उन्‍हें काफी देर तक गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे जबरन डीसी कार्यालय में घुसने की कोशिश करने लगे। इसके बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। इसमें कई किसान घायल हो गए। संगरूर में भी किसानों ने प्रदर्शन किया और गिरफ्तारियां दीं। यहां भी किसानों और पुलिस के बीच धक्‍कामुक्‍की हुई।

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    किसान संगठनों ने कृ‍षि यंत्रों पर जीएसटी लगाए जाने के खिलाफ बुधवार को प्रदर्शन करने और गिरफ्तारियों देने का एलान किया था। बड़ी संख्या में किसान बस अड्डे के पास इकट्ठा हुए और प्रदर्शन करने लगे। करीब एक घंटे तक जब उनकी  गिरफ्तारी नहीं की गई तो वे प्रदर्शन करते हुए डीसी कार्यालय के बाहर पहुंचे। इस दौरान वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इसके बाद भी प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई गई तो किसानों ने जबरन डीसी कार्यालय में घुसने का प्रयास किया।

    मोगा में प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश करती पुलिस।

    इस पर वहां पुलिसकर्मियों ने किसानों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन किसान नहीं माने। किसान अपनी गिरफ्तारियों देने और डीसी कार्यालय में घुसने पर अड़े रहे। पुलिस ने किसानों की इसे मानने से इन्‍कार कर दिया तो उनके बीच धक्‍कामुक्‍की होने लगी।

    इसके बाद ने पुलिस को लाठीचार्ज कर किसानों को खदेड़ने लगी। इससे कई किसान घायल हो गए। इसके बाद घटनास्थल पर पहुंचे डीएसपी (सिटी) गोबिंदर सिंह ने विरोध जता रहे किसानों से बातचीत के जरिए माहौल को शांत करने का प्रयास किया। किसान अपनी मांगों को पूरा करने या गिरफ्तार करने की जिद्द पर अड़े रहे।

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    इस मौके पर भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के जिला प्रधान तूर्थ सिंह धर्मकोट ने कहा कि किसान पहले से आर्थिक तंगी का शिकार होकर आत्महत्याएं करने को मजबूर हैं और ऊपर से केंद्र सरकार ने कृषि यंत्रों पर जीएसटी लगा दिया है। किसानों के पक्ष की बात करने वाली केंद्र सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने के बजाए किसानों पर और अधिक वित्तीय भार बढ़ा दिया है। इसे किसान सहन नहीं करेंगे।

    उन्होंने कहा कि कृषि औजारों से जीएसटी को खत्म करवाने के उद्देश्य से उनकी पार्टी ने पंजाब में जेल भरो आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है। इसी फैसले के बाद किसान बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां देने के लिए इकट्ठा हुए।

    मोगा में किसानों पर लाठीचार्ज करती पुलिस।

    सीपीआइ के जिला महासचिव कामरेड कुलदीप भोला ने कहा कि केंद्र में लोगों को अच्छे दिन आने का नारा देकर आई भाजपा की सरकार ने महंगाई को बढ़ा दी है। आज  देश का किसान कर्जे में डूबकर आत्महत्याएं कर रहा है और केंद्र सरकार किसानों के  कर्ज माफ करने की जगह किसानी औजारों पर टैक्स लगाकर उनका शोषण कर रही है।

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    उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि हर घर में एक नौकरी व युवाओं को स्मार्ट फोन दिए जाएंगे। किसानों का कर्जा माफ किया जाएगा, लेकिन सभी किसानों को कर्जा माफ करने की जगह पांच एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को दो लाख रुपये का कर्जा माफ करने की घोषणा की है। इससे पंजाब की किसानी कर्जा मुक्त नहीं हो सकती।

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    संगरूर में भी किसानों ने दीं गिरफ्तारियां, पुलिस से धक्‍कामुक्की

    संगरूर में भी किसानों ने कृषि यंत्रों पर जीएसटी लगाने के खिलाफ धरना दिया और प्रदर्शन किया। किसानों ने गिरफ्तारियां भी दीं। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और किसानों के बीच धक्‍कामु‍क्‍की भी हुई। किसानों ने प्रदर्शन के दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

    धरने से पूर्व पार्टी के नेता व वर्कर स्वतंत्रता भवन में एकत्रित हुए। यहां से वे लाल बत्ती चौक से होते हुए डिप्टी कमिश्नर के दफ्तर के समक्ष पहुंचे। प्रदर्शन की अगुआई सतवंत सिंह खंडेवाद, सुखदेव शर्मा, प्यारा लाल, भरपूर सिंह, हरदेव सिंह, मनिंदर सिंह, सुरिंदर भैणी ने की। उन्होंने किसानों व खेत मजदूरों का पूरा कर्जा माफ करने, खेती को आर्थिक संकट से निकालने, 60 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष, महिलाओं को 10 हजार रुपये मासिक पेंशन देने, बेघरों को 10-10 मरले के प्लाट देने व मकान बनाने के लिए ग्रांट देने, खेती लागत वस्तुओं को जीएसटी से बाहर रखने की मांग की।

    संगरूर में प्रदर्शन करते किसान।

    उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को खत्म करने पर उतारू हो चुकी है। पहले ही किसान कर्जे के बोझ तले दबे और आत्महत्याएं कर रहे हैं। सरकार किसानों को राहत देने की बजाए उनकी परेशानी बढ़ाने में जुटी है। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ धक्का किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए किसान सरकार के खिलाफ हर संघर्ष करने को तैयार हैं।

    संगरूर में प्रदर्शन करते किसान।

    इस मौके पर एडवोकेट संपूर्ण सिंह, प्रीतम सिंह, गुरदियाल निर्माण, जगतार सिंह, हरनेक सिंह, रणजीत सिंह, खलील मोहम्मद ने भी किसानाें को संबोधित किया। सभा के बाद किसानों ने डीसी दफ्तर के चारदीवारी को  दीवार फांदकर अंदर जाने की कोशिश की। पुलिस ने उनकाे राेका तो पुलिस और किसानों के बीच धक्‍कामुक्की हुई। पुलिस ने इस दौरान 270 से अधिक किसानों को गिरफ्तार किया।

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