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    बाढ़ के कहर के बीच पंजाब के लिए 48 घंटे बेहद मुश्किल, भारी बारिश का रेड अलर्ट; 55 ट्रेनें रद व 3 दिन तक स्कूल बंद

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 10:10 PM (IST)

    पंजाब में भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। आठ जिलों के 1300 से ज्यादा गांव जलमग्न हैं जिससे दो लाख एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार को भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है जिसके चलते स्कूल 3 सितंबर तक बंद कर दिए गए हैं।

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    बाढ़ के कहर के बीच पंजाब के लिए 48 घंटे बेहद मुश्किल। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, लुधियाना। पंजाब के आठ जिलों के 1300 से ज्यादा गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं। लोग घरों की छतों पर आश्रय लेने या फिर घर छोड़ सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। करीब दो लाख एकड़ फसल पानी में डूब गई है।

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    राज्य में बाढ़ से हुई तबाही का कारण न केवल हिमाचल और जम्मू में हो रही भारी वर्षा के बांध तीनों बांधों से छोड़ा जा रहा पानी है बल्कि राज्य में हो रही वर्षा भी है।

    मौसम विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 25 वर्ष में पहली बार है कि अगस्त महीने में 253.7 मिलीमीटर वर्षा हुई हो। आमतौर पर अगस्त महीने में 146.2 मिलीमीटर वर्षा होती है, जोकि इस बार 74 प्रतिशत ज्यादा है।

    सबसे ज्यादा वर्षा जालंधर में 178 मिलीमीटर, पठानकोट में 152 और तरनतारन में 139 मिलीमीटर दर्ज की गई है। केवल चार जिले ही हैं जहां इस महीने सामान्य से कम वर्षा हुई है। इसी बीच मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार को राज्य में भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है।

    रेलवे पुल क्षतिग्रस्त, कई ट्रेनें रद

    बता दें कि इस वर्ष पहली बार है कि जब मौसम विभाग ने भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया हो। इससे पहले आरेंज या येलो अलर्ट ही जारी किया जाता रहा है। इसी अलर्ट के चलते राज्य सरकार ने सभी स्कूल तीन सितंबर तक बंद रखने का फैसला किया है। इससे पहले राज्य सरकार ने 30 अगस्त तक स्कूल बंद रखने की घोषणा की थी।

    उधर, बाढ़ प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने और उनको बाहर निकालने के लिए अमृतसर के अजनाला में शनिवार को सेना के 25 ट्रक वोट लेकर पहुंचे। इसके अलावा एक निजी कंपनी की ओर से सेना को उपलब्ध करवाए गए पानी में तैर सकने वाले अटौर वाहनों का भी उपयोग राहत व बचाव कार्यों में किया जा रहा है।

    सेना के अलावा वायुसेना, बीएसएफ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें दिन-रात राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। इसी बीच रविवार को जम्मू से आने-जाने वाली 53 ट्रेनें माधोपुर के पास रेलवे पुल को हुई क्षति के कारण रद की गईं।

    घरों की छत पर रहने को मजबूर लोग

    यही नहीं, पठानकोट के चक्की पुल के पिलरों की रिपेयर न होने के कारण पठानकोट-जालंधर नेशनल हाईवे आठवें दिन भी बंद रहा। मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने रविवार को पठानकोट, अमृतसर और कपूरथला जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया।

    राज्य में भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी होने से तीन से सात फीट तक पानी से घिरे बाढ़ प्रभावित लोगों की परेशानियां और बढ़ने की आशंका है। यहां लोग घरों की छतों पर आश्रय लिए हुए हैं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके पास पर्याप्त मात्रा में तिरपालें तक नहीं हैं।

    उधर, अमृतसर के अजनाला में पहुंचे रावी दरिया के पानी ने अब अजनाला के आगे स्थित गांवों को भी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। अजनाला इलाका ऊंचा होने के कारण ज्यादा पानी शहर में नहीं आया है लेकिन इसके आसपास खेतों में सात फीट तक पानी भर गया है।

    ऐसे ही हालात तरनतारन जिले के हैं। यहां धुस्सी बांध टूटने से कुछ गांवों में दस फीट तक पानी भरा हुआ है। कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी को अलावा फिरोजपुर, फाजिल्का, पठानकोट, गुरदासपुर और होशियार पुर में भी बाढ़ से लोगों को कोई ज्यादा राहत नहीं मिली है।

    लोगों को किया जा रहा रेस्क्यू

    अब तक 14,936 लोगों को सुरक्षित निकाला गया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अब तक कुल 14,936 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने कहा कि जैसे-जैसे निकाले गए लोगों की संख्या बढ़ रही है, उसी के अनुसार राहत शिविरों की संख्या भी बढ़ाई गई है।

    इस समय राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में 122 राहत शिविर चल रहे हैं, जिनमें 6,582 व्यक्तियों को ठहराया गया है। उन्होंने बताया कि गुरदासपुर में एनडीआरएफ की 6 टीमें और फाजिल्का, फिरोजपुर, पठानकोट तथा अमृतसर में 1-1 कपूरथला में एसडीआरएफ की 2 टीमें सक्रिय हैं। राजस्व मंत्री ने बताया कि बाढ़ के कारण अब तक पंजाब के कुल 1,312 गांव प्रभावित हुए हैं।

    इनमें अमृतसर के 93, बरनाला के 26, बठिंडा के 21, फतेहगढ़ साहिब का 1, फाजिल्का के 92, फिरोजपुर के 107, गुरदासपुर के 324, होशियारपुर के 86, जालंधर के 55, कपूरथला के 123, लुधियाना के 26, मालेरकोटला के 4, मानसा के 77, मोगा के 35, पठानकोट के 81, पटियाला के 14, रूपनगर के 2, संगरूर के 22, मोहाली 1, एसबीएस नगर के 3, श्री मुक्तसर साहिब के 74 और तरनतारन के 45 गांव शामिल हैं।

    पटियाला में सबसे अधिक 80.7 मिमी वर्षा रिकॉर्ड

    रविवार को भी पंजाब के अधिकांश जिलों में सुबह चार बजे से शाम पांच बजे तक भारी वर्षा हुई। पटियाला में 80.7, अमृतसर में 78.9, एसबीएस नगर में 66, बठिंडा में 62.0, लुधियाना में 50.7, चंडीगढ़ में 41.3, फरीदकोट में 48.8, फिरोजपुर में 51.8, रोपड़ में 48, पठानकोट में 35.5, मानसा में 31.7, होशियारपुर में 23.5, गुरदासपुर में 9.6 और फाजिल्का में 16.5 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई।