Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    14 साल की लड़की को अगवा कर 10 दिनों तक लूटी अस्‍मत, फिर उठाने की दे रहे धमकी

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Thu, 25 Feb 2016 01:28 PM (IST)

    बदमाशों ने लुधियाना से एक 14 साल की लड़की को अगवा कर लिया और चड़ीगढ़ ले गया। वहां मुख्‍य आरोपी ने उससे शादी का नाटक किया आैर 10 दिनों तक उससे दुष्‍कर् ...और पढ़ें

    Hero Image

    लुधियाना, [अरविंद श्रीवास्तव]। पहले बदमाशों ने अगवा कर 14 साल की छात्रा की 10 दिनों तक अस्मत लूटी अौर अब उसे घर में कैद रहने को मजबूर कर दिया है। बदमाश उसे यहां से अगवा कर चंडीगढ़ ले गए थे पुलिस में शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं हाेने से बदमाशाें की हिम्मत इस कदर बढ़ गई है कि वे छात्रा के घर के आसपास दिन में भी मंडराते रहते हैं और उसे फिर से उठा लेने की धमकी देते हैं। इस कारण पढ़ाई -लिखाई में अव्वल नौंवी की इस छात्रा का स्कूल जाना बंद हो गया है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की आरोपियों से 'डील' हो गई है अोर इसी कारण वह कार्रवाई नहीं कर रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    छात्रा उन 10 दिनों को याद कर आज भी कांपने लगती है। मुख्य आरोपी उसे अपने दो साथियों की मदद से लुधियाना से अगवा कर चंडीगढ़ ले जाकर हवस का शिकार बनाता रहा। बेटी के अगवा हो जाने के बाद बेबस पिता साहनेवाल थाने से लेकर बड़े पुलिस अफसरों के चक्कर काटता रहा, लेकिन श्ाुरू में उसकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

    बड़ी मुश्किल से पांच दिनों के बाद एफआइआर जरूर दर्ज हुई, लेकिन अपहरण, दुष्कर्म की धाराएं नहीं लगाई गईं। बाद में लड़की किसी तरह छूट कर घर आई और मुख आरोपी पकड़ा गया, लेकिन जिन दो लोगों ने अपहरण में उसकी मदद की, उनको पुलिस ने जाने दिया।

    बाद में मुख्य आरोपी भी पुलिस ने छोड़ दिया। अब उसकी हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि वह अपने फोन कर मामले को रफा-दफा करने के लिए छात्रा के पिता को धमकियां दे रहा है और उसके दोनों सहयोगी काली परछाई बनकर घर के आसपास मंडराते हैं। इस कारण छात्रा का घर से बाहर निकलना बंद हो गया है अौर वह करीब दो महीनों से तिल-तिलकर जिंदगी काट रही है।

    पीडि़त छात्रा का परिवार मूल रूप से रोहतास जिले (बिहार) के सासाराम गांव के रहने वाला है, जो पिछले 35 सालों से यहां गोविंदगढ़ गांव में बसा हुआ है। लड़की के पिता के अनुसार, 27 दिसंबर 15 को उसकी नाबालिग बेटी रात में करीब आठ बजे गायब हो गई थी। पता चला कि बिहार के मोतिहारी जिले के गांव बिसनपुरा निवासी रोहित कुमार ने श्री किशन और उपेंद्र की मदद से उसे कथित तौर पर अगवा कर लिया है।

    पिता ने साहनेवाल थाने में उनके खिलाफ शिकायत दी लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री, राज्यपाल सहित कई जगहों पर पत्राचार किया। तब कहीं जाकर 2 जनवरी को सिर्फ रोहित कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। दबाव बनाने पर 5 जनवरी को उपेंद्र को सुबह हिरासत में लिया तो शाम को उसकी बेटी लुधियाना पहुंची। वह 5 जनवरी को पूरी रात वह थाना साहनेवाल में रही। अगले दिन अदालत के जरिये बेटी मिली। दुखी पिता के अनुसार, आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस ने हल्की धाराएं लगा दीं।

    एसीपी (साहनेवाल) तेजवीर सिंह इस मामले में अनभिज्ञता जताते हुए कहते हैं कि वह एसएचओ को गंभीरता से जांच करने और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश देंगे। साहनेवाल थाने के प्रभारी हरदीप सिंह के अनुसार, इसके संबंध में पीडि़त परिवार मुझसे नहीं मिला। अगर ऐसा कुछ हुआ है तो वह खुद इस मामले की जांच करेंगे। जरूरत पड़ी तो मामले में संशोधन भी किया जाएगा।

    पीडि़ता की जुबानी

    वह एक निजी स्कूल में पढ़ती है। खाली समय में वह अपनी मां की दुकान पर चली जाती थी। पिता के बेड़े में रहने वाला रोहित कुमार अकसर दुकान पर आ जाता। श्री किशन और उपेंद्र भी वहीं आ जाते। रोहित उसे धमकियां देता कि अगर उसकी बात नहीं मानी तो वह उसके मां-बाप को जान से मार देगा। 27 दिसंबर की शाम जब वह सब्जी लेने गई, तभी किशन और उपेंद्र उसे मिले और जुगियाना चलने को कहा। डर के मारे वह उनके साथ चली गई। आटो से उसे बस स्टैैंड ले जाया गया, जहां रोहित पहले से खड़ा था।

    तीनों उसे चंडीगढ़ में अज्ञात स्थान पर ले गए। मंदिर में ले जाकर जबरन शादी की। शराब के नशे में नों ने उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। शोर मचाने पर उपेंद्र और श्री किशन तो कमरे से बाहर चले गए, लेकिन रोहित साथ में रुका रहा। रोहित ने कहा कि अब तो वह उसकी पत्नी है, लिहाजा उसका पूरा हक उस पर है।

    वह लगातार दस दिनों तक उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। वह जब भी बाहर जाता, कमरे को ताला लगा देता था। 5 जनवरी को चंडीगढ़ से बस में बैठाने के दौरान भी रोहित ने मुंह खोलने पर पूरे परिवार को तबाह कर देने की धमकियां दी। बस स्टैैंड से कंगनवाल चौकी तक लाने के दौरान श्री किशन और उपेंद्र मामले में उनका नाम नहीं लेने की कथित धमकियां देते रहे।