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    SYL पर फैसला जो मर्जी हो किसी को पंजाब में घुसने नहीं देंगे : सुखबीर बादल

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Thu, 10 Nov 2016 07:53 PM (IST)

    पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब के पानी पर पंजाबियों का अधिकार है जब तक पंजाब में अकाली दल का कैडर है तब तक पंजाब में किसी को घुसने नहीं दिया जाएगा ।

    जेएनएन, जालंधर। एसवाइएल पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंजाब के पक्ष में फैसला न दिए जाने के बाद कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे पर पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने कहा कि अकाली विधायक इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब में चाहे अमेरिका आ जाए या फिर कोई और किसी को भी यहां का पानी नहीं दिया जाएगा।

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    उन्होंने कहा कि पंजाब के पानी पर पंजाबियों का अधिकार है जब तक पंजाब में अकाली दल का कैडर है तब तक पंजाब में किसी को घुसने नहीं दिया जाएगा । सुखबीर ने कहा कि एसवाइएलl पर कैप्टन अमरिंदर सिंह राजनीति के सिवाय कुछ नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि एसवाइएल का प्रोजेक्ट कांग्रेस ही लाई थी और अब कांग्रेसी ही इस पर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर कैप्टन इतने ही सच्चे हैं तो सबसे पहले कांग्रेस से इस्तीफा दें और फिर एसवाइएल के मुद्दे पर बात करें।

    फैसला आते ही सुखबीर बादल मंच छोड़कर चलते बने

    वर्ल्ड कबड्डी कप मैच के दौरान उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल मंच पर भाषण दे रहे थेे। एसवाइएल मुद्दे पर जैसे ही उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले के संबंध में जानकारी मिली वे जल्दबाजी में भाषण समाप्त कर चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए।

    एसवाइएल पर फैसला पंजाब के हित में नहीं : सांसद डॉ. गांधी

    पटियाला के सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी ने कहा है कि एसवाइएल के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट का फैसला राज्य के हित में नहीं है। केंद्र सरकार ने हमेशा की पंजाब के हितों से अन्याय किया है। कृषि में देश में अव्वल प्रदेश को खेती करने के लिए ट्यूबवेल का सहारा लेने के लिए मजबूर कर दिया गया है।

    राज्य का करीब तीन चौथाई हिस्सा डार्क जोन में आने के कारण बंजर होने की कगार पर पहुंच गया है। केंद्र की सत्ता में काबिज होने के लिए कांग्रेस, अकाली दल-भाजपा की साजिश इसके लिए पूर्ण तौर से जिम्मेदार है। उन्होंने पंजाब के हितों की रक्षा करने वाले समूह पंजाबियों से अपील की कि शुक्रवार (11 नवंबर) को चंडीगढ़ में सेक्टर 17 में किए जा रहे प्रदर्शन में शामिल होकर उक्त फैसले का विरोध करें।
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