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Nirjala Ekadashi: आज है वर्ष की सबसे बड़ी एकादशी, करेंगे यह काम तो मिलेगा दोगुना फल

निर्जला एकादशी पर जल का दान करना धार्मिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण माना गया है। शास्त्रों के मुताबिक निर्जला एकादशी व्रत पर मीठे जल का दान सबसे उत्तम है।

By Edited By: Published: Wed, 12 Jun 2019 06:54 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jun 2019 07:59 PM (IST)
Nirjala Ekadashi: आज है वर्ष की सबसे बड़ी एकादशी, करेंगे यह काम तो मिलेगा दोगुना फल
Nirjala Ekadashi: आज है वर्ष की सबसे बड़ी एकादशी, करेंगे यह काम तो मिलेगा दोगुना फल

जालंधर, [शाम सहगल]। 13 जून को मनाई जा रही ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानि निर्जला एकादशी वर्ष की सभी एकादशियों से बड़ी व खास है। इसका कारण, धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ यह जल संरक्षण तथा जल दान को भी प्रेरित करती है। शास्त्रों के मुताबिक इस दिन जल दान करने से इंसान को दोहरा फल मिलता है।

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बताया जाता है कि महाभारत काल में पांडव पुत्र भीम ने भी निर्जला एकादशी का व्रत रखा था, जिसके चलते इसे भीमसेन एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस बारे में श्री गोपीनाथ मंदिर सर्कुलर रोड के प्रमुख पुजारी पंडित दीनदयाल शास्त्री बताते हैं कि निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना करना भी अति फलदायक माना जाता है।

जल दान कर कमाते हैं पुण्य

भीषण गर्मी से इंसान की जान आफत में आ रही है। ऐसे में निर्जला एकादशी पर जल का दान करना धार्मिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण माना गया है। इसके साथ ही नियमित प्याऊ लगाकर या फिर छबील लगाकर यह पुण्य कर्म किया जा सकता।

आसान नहीं है निर्जला एकादशी का व्रत

निर्जला एकादशी वाले दिन तापमान भी पूरे यौवन पर रहता है। ऐसे में बिना अन्न व जल ग्रहण किए निर्जला एकादशी का व्रत पूरा करना किसी चुनौती से कम नहीं होता। बावजूद इसके आस्था रखने वाले श्रद्धालु निर्जला एकादशी का व्रत विधिवत निर्जल व निराहार रहकर पूरा करते हैं। शास्त्रों के मुताबिक निर्जला एकादशी का व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं को प्यासे को पानी पिलाने के साथ-साथ जल का दान अवश्य करना चाहिए।

भगवान विष्णु की पूजा का है खास महत्व

नारदपुराण में निर्जला एकादशी के व्रत पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का खास महत्व बताया गया है। इस बारे में श्री राधा-कृष्ण मंदिर के पंडित बसंत शास्त्री बताते हैं कि व्रत का संकल्प लेने के साथ ही भगवान विष्णु की तस्वीर या प्रतिमा पर गंगाजल अर्पित कर रोली व सिंदूर से तिलक लगाने के बाद व्रत का संकल्प करना चाहिए। वहीं, मोक्ष की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु के समक्ष देसी घी का दीपक जलाकर आरती करना लाभकारी है।

सुख व सौभाग्य के लिए करें मीठे जल का दान

शास्त्रों के मुताबिक निर्जला एकादशी व्रत पर मीठे जल का दान सबसे उत्तम है। अपने हाथों से जल का वितरण करने से इंसान की मनोकामनाएं पूरी होती है। इसके अलावा जीवन में सुख-सौभाग्य आता है तथा रोगों से मुक्ति मिलती है।

इन चीजों का करें दान

निर्जला एकादशी व्रत वाले दिन वस्त्र, जूते, छाता, बर्तन, जल व दूध आदि का दान करना चाहिए। वर्ष में होने वाली 24 एकादशियों में यह एकादशी सबसे बड़ी मानी जाती है जिसके चलते जल से भरा कलश दान करना परंपरा का हिस्सा रहा है।

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