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फेसबुक पर दोस्‍ती बनी मुसीबत, महिला तीन माह में दो बार अगवा

फेसबुक पर दोस्ती जालंधर की एक महिला के लिए मुसीबत बन गई। वह एक प्लाइवुड व्यापारी की पत्नी है। उसका तीन माह में दो बार अपहरण हो गया। 22 दिनों से बंधक बनाकर रखी महिला व उसके तीन साल के बेटे को पुलिस ने रविवार को मुक्‍त कराया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2015 05:35 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2015 05:32 PM (IST)
फेसबुक पर दोस्‍ती बनी मुसीबत, महिला तीन माह में दो बार अगवा

पुलिस ने जालंधर से अगवा महिला व बच्चे को रोहतक में छ़़ुड़ाया

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जागरण संवाददाता, रोहतक : फेसबुक से हुई दोस्ती पंजाब के जालंधर की एक महिला के लिए मुसीबत बन गई। वह एक प्लाइवुड व्यापारी की पत्नी है। फेसबुक पर दोस्ती करनेवाले युवक ने महिला का तीन माह के भीतर दो बार अपहरण कर लिया। 22 दिन से बंधक बनाकर रखी गई महिला व उसक बेटे को रोहतक व जालंधर पुलिस की टीम ने रविवार को मुक्त कराया। आरोपी हिसार के हांसी का है और रोहतक में किराये पर रह रहा था।

महिला व बच्चे को मुक्त कराने में स्वयंसेवी सड़क सुरक्षा संगठन ( आरएसओ) की टीम ने मदद की। दोनाें को रोहतक के सेक्टर तीन के मकान से मुक्त कराया गया। आरोपी चकमा देकर भाग गया। पुलिस ने मकान से आरोपी के नौकर को हिरासत में लिया।

जालंधर (पंजाब) रिजेंट पार्क निवासी प्लाइवुड व्यापारी मनीष की पत्नी साक्षी व तीन वर्षीय बेटे सूजल का 22 दिन पहले अपहरण हुआ था। तभी से मनीष व उस के परिजन मां-बेटे को तलाश रहे थे। साक्षी ने मनीष को मोबाइल फोन से कॉल की थी। इसके बाद से पुलिस उक्त मोबाइल नंबर की लोकेशन तलाश रही थी। लोकेशन रोहतक में मिलने के बाद मनीष ने अपने दोस्त शशि शर्मा को इसकी जानकारी दी।

शशि शर्मा अपने परिचित आरएसओ कार्यकर्ताओं से संपर्क साधकर पूरे प्रकरण की जानकारी दी। रविवार दोपहर मनीष जालंधर की पुलिस टीम के साथ रोहतक पहुंचा। इसके बाद रोहतक के अर्बन एस्टेट थाना पुलिस को मामले की जानकारी दे दी गई। इसके बाद आरएसओ की टीम ने साक्षी व उसके बेटे की तलाश शुरू की।

तीन घंटे ऑपरेशन सर्च
मनीष ने व्हाट्स-एप से साक्षी से संपर्क साध लिया। साक्षी ने बंद कमरे की खिड़की से बाहर की लोकेशन के फोटो भेजे। फोटो आरएसओ कार्यकर्ताओं को उपलब्ध करा दिए गए। आरएसओ के कार्यकर्ताओं ने लोकेशन सेक्टर के एक पार्क की होने का अंदाजा लगा लिया। इसके बावजूद पार्क को ढूंढ पाना आसान नहीं था।

आरएसओ कार्यकर्ताओं ने सभी पार्कों को तलाशना शुरू कर दिया। तभी सेक्टर तीन में वह मकान तलाश लिया गया। साक्षी ने भी शीशे के पीछे से दो आरएसओ कार्यकर्ताओं मनीष व आशु को देखकर इशारा कर दिया। आरएसओ की सूचना मिलते ही पंजाब व अर्बन एस्टेट थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। मकान की घेराबंदी कर साक्षी व सूजल को बरामद कर लिया गया। हालांकि आरोपी सुनील उर्फ सोनी पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहा।

प्लाइवुड व्यापारी मनीष ने बताया कि साक्षी की पहचान हांसी निवासी सुनील उर्फ सोनी से फेसबुक के माघ्यम से हुई थी। आरोपी ने तीन माह पहले साक्षी काे बहला फुसलाकर अपहरण कर लिया था। उस दौरान तीन लाख रुपये देकर साक्षी को छुड़ाया गया था। अब पुन: आरोपी ने साक्षी व उसके बेटे सूजल को अगवा कर लिया। आरोपी पूर्व में दर्ज कराए गए अपहरण के मुकदमे को खत्म कराना चाहता था।
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क्रिकेट पर सट्टेबाजी का शक
पुलिस ने मकान से दो लाख से अधिक रुपये नकदी, एलइडी और कुछ संदिग्ध रजिस्टर बरामद किए हैं। इससे संभावना जताई जा रही है कि आरोपी सुनील क्रिकेट पर सट्टा लगाने का काम करता था। हालांकि पुलिस रजिस्टरों व उसके मोबाइलों की पड़ताल कर रही है।

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''साक्षी और उसके बेटे के अपहरण का मुकदमा जालंधर में दर्ज है। उसकी बरामदगी के प्रयास किए जा रहे थे। मोबाइल से लोकेशन मिलने के बाद रोहतक आकर छानबीन की गई। मां-बेटे को सुरक्षित बरामद कर लिया गया है। इससे पहले भी आरोपी उनका एक बार अपहरण कर चुका है।
-मुखविंदर सिंह, एएसआइ, यूनिट पांच पुलिस, जालंधर।


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