एसआरआई विधि से करें धान की रोपाई
जागरण प्रतिनिधि, होशियारपुर
किसानों को पानी की बचत के प्रति जागरूक करने के लिए कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर जहां सेमिनार लगाकर जागरूक किया जाता है, वहीं उन्हें नई तकनीकों के साथ फसलों की काश्त करने की प्रेरणा भी दी जाती है। उक्त जानकारी जिला कृषि अधिकारी डा. सर्बजीत सिंह कंधारी ने मंगलवार को मुकेरियां में किसानों को एसआरआई (सिस्टम आफ राइस इनटेंसीफिकेशन) विधि से धान की रोपाई करने की विधि से अवगत करवाते हुए दी। उन्होंने बताया कि इस विधि के माध्यम से 60 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है। इस विधि से रोपाई करने के लिए मजदूरों को मनरेगा के तहत अप्रूव्ड किया गया है। पनीरी तैयार करने का ढंग भी आसान है और इसमें भी कम पानी की आवश्यकता होती है। डैमों के दौरान 11 दिन की पनीरी को खेत में लगाकर दिखाया गया। इस विधि से धान लगाना पाबंदी से बाहर है। साधारणतया: धान को 26 से 30 बार पानी लगाना पड़ता है, जबकि इस विधि में मात्र 12 बार ही पानी लगाने से फसल तैयार हो जाती है। नदीनों से बचाव करने के लिए पोनोवेटर की सहायता से गुड़ाई करना भी आसान होता है। उन्होंने किसानों से कहा कि वह कृषि विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त कर पानी बचत को जीवन का हिस्सा बनाते हुए नई तकनीकों के माध्यम से काश्त करें। इस अवसर पर एडीओ अमरीक सिंह, डा. जसवीर सिंह, कृषि विकास अधिकारी डा. धनवंत सिंह, अशोक कुमार व अन्य विभागीय कर्मचारी भी उपस्थित थे।
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