Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    जानकारी न देने पर कमिशन का निगम को नोटिस

    By Edited By:
    Updated: Fri, 24 Apr 2015 07:15 PM (IST)

    श्याम लाल, पठानकोट सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी न देने पर राज्य सूचना कमिश्नर चंद्र प्र

    श्याम लाल, पठानकोट

    सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी न देने पर राज्य सूचना कमिश्नर चंद्र प्रकाश ने पठानकोट कारपोरेशन के पीआइओ सतीश सैनी के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार किया है।

    कमिश्नर ने तथ्यों की पड़ताल के बाद माना कि पठानकोट नगर निगम में म्यूनिसीपल इंजीनियर कम पीआइओ सतीश सैनी ने सूचना के अधिकार के तहत आरटीआइ कार्यकत्र्ता सुकृत शारदा को मांगी गई जानकारी नहीं दी। सुकृत शारदा ने 19 अगस्त,2014 को पठानकोट के पटेल चौक के पास फ्रेंड्स कॉलोनी में निर्माणाधीन मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के निगम की ओर से पास किए गए दस्तावेजों की प्रतियां मांगी थी। मांग अनुसार सूचना देने की बजाए निगम ने 16 सितंबर,2014 को जवाब दिया कि उक्त बिल्डिंग से संबंधित ऐरिया इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के अधीन है अतएव याची इसकी सूचना ट्रस्ट से ले।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    याची सुकृत शारदा ने जब निगम को स्पष्ट किया कि कैसे उक्त बिल्डिंग निगम के ही अधिकार क्षेत्र में है तो निगम ने यह कहते हुए सूचना देने से इंकार कर दिया कि बिल्डिंग के मालिक ने सूचना सार्वजनिक नहीं करने के लिए कहा है। याची शारदा ने जब इसकी अपील नगर निगम के प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास की तो जनवरी 2015 में निगम के पीआइओ ने उक्त बहाना बना दिया।

    नगर निगम के प्रथम अपीलीय अधिकारी कम कमिश्नर एवं एसडीएम पठानकोट ने इसकी सूचना भी सुकृत शारदा को दे दी। निगम का यह जवाब लेकर याची ने जब स्टेट इंफर्मेशन कमिशन के पास बात रखी तो कमिशन ने तथ्यों का विश्लेषण करते हुए पाया कि बिल्डिंग के मालिक ने नगर निगम को सूचना सार्वजनिक नहीं करने के लिए 6 जनवरी, 2015 को पत्र लिखा था, जबकि नगर निगम 2 जनवरी 2015 को ही यह फैसला कर चुका था कि बिल्डिंग मालिक सूचना सार्वजनिक नहीं करना चाहता है। कमिशन ने माना कि नगर निगम ने ऐसा करके योजनाबद्ध तरीके से सुकृत शारदा को सूचना के अधिकार से वंचित रखा है। कमिशन ने नगर निगम के पीआइओ सतीश सैनी के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार करते हुए पूछा है कि वह इस संबंध में व्यक्तिगत तौर पर कमिशन के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखें तथा यह भी बताए कि क्यों न उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की अनुशंसा की जाए। इसके साथ ही कमिशन ने पीआइओ से यह भी सवाल किया है कि क्यों न इस मामले में उस पर जुर्माना लगाया जाए और याची को मुआवजा दिलाया जाए।