एसवाइएल मामले में इनेलो के एलान पर पंजाब के दलों में उबाल
इनेलो के पंजाब में नहर की खुदाई के एलान के बाद पंजाब के दल भी सक्रिय हो गए हैं। कांग्रेस व भाजपा ने इनेलो पर निशाना साधा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा में सतलुज यमुना संपर्क नहर पर एक बार फिर माहौल गर्मा गया है1 हरियाणा के प्रमुख विपक्षी दल इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की पंजाब में घुस कर 23 फरवरी से एसवाइएल नहर की खुदाई शुरू करने की घोषणा की है। इस पर पंजाब के राजनीतिक दल भी सक्रिय हो गए हैं। कांग्रेस अौर भाजपा ने इसकी निंदा की है। कांग्रेस नेइ मामले में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है तो भाजपा ने इनेलो को कानून को हाथ में नहीं लेने को कहा है।
इनेलो के सीमा उल्लंघन को रोके केंद्र : कैप्टन
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र व हरियाणा सरकारों से इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) की ओर से पंजाब की सीमा का उल्लंघन रोकने के लिए कहा है। कैप्टन अमरिंदर ने इनेलो नेता अभय चौटाला के बयान को भड़काऊ करार दिया। अभय चौटाला ने कहा था कि उनके कार्यकर्ता अंबाला से पड़ोसी राज्य पंजाब में कूच करने को तैयार हैं, चाहे इसके लिए उन्हें जिला प्रशासन की इजाजत मिले या न मिले। कैप्टन अमरिंदर ने इस तरह का संकट को पैदा होने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार से इनेलो के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
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कैप्टन ने कहा कि चौटाला का भड़काऊ बयान हरियाणा में पहले से चल रहे जाट आंदोलन को और तनावपूर्ण बना सकता है। इस संबंध में उन्होंने केंद्र सरकार से कानून व व्यवस्था कायम करने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पंजाब में चुनाव आचार संहिता लागू है, जबकि अन्य राज्यों में चुनाव प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में चुनाव आयोग को उक्त मामले में नोटिस लेना चाहिए और किसी भी कीमत पर शांति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र को दखल देने का आदेश देना चाहिए।
भाजपा ने कहा, कानून हाथ में न ले इनेलो
भाजपा ने इनेलो के इस कदम को आपत्तिजनक और कानून के खिलाफ बताया है। भाजपा ने आगाह किया है कि इनेलो कानून को अपने हाथ में लेने से बचे। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य कमल शर्मा ने कहा कि एसवाइएल जैसे संवेदनशील मुद्दे पर भड़काऊ राजनीति करना गलत है।
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उन्होंने कहा कि पूरा मामला देश की सर्वोच्च अदालत में विचाराधीन है और इस मसले पर न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी दल को यह अधिकार नहीें है कि वह इस तरह के संवेदनशील मुद्दों पर राजनीतिक रोटियां सेंके।
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