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अवैध शराब मामले पर घिरी सरकार, खुफिया तंत्र फेल या नेताओं, प्रशासन पर माफिया भारी

पंजाब में अवैध शराब की बिक्री व सप्लाई का मुद्दा गरमा गया है। अवैध शराब की फैक्ट्रियों ने सरकार खासकर आबकारी विभाग के प्रबंधों की पोल खोल दी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 09:07 AM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 09:07 AM (IST)
अवैध शराब मामले पर घिरी सरकार, खुफिया तंत्र फेल या नेताओं, प्रशासन पर माफिया भारी
अवैध शराब मामले पर घिरी सरकार, खुफिया तंत्र फेल या नेताओं, प्रशासन पर माफिया भारी

चंडीगढ़ [जय सिंह छिब्बर]। पंजाब में अवैध शराब की बिक्री व सप्लाई के मुद्दे पर सरकार बुरी तरह घिर गई है। कांग्रेसियों ने विरोधियों को बड़ा मुद्दा दे दिया है। अकाली नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। पटियाला के राजपुरा और खन्ना में पकड़ी गईं अवैध शराब की फैक्ट्रियों ने सरकार, खासकर आबकारी विभाग के प्रबंधों की पोल खोल दी है। इससे सवाल पैदा होता है कि खुफिया तंत्र फेल हो गया है या फिर माफिया राज राजनेताओं व पुलिस प्रशासन पर भारी पड़ गया है। अवैध शराब की फैक्ट्रियां लंबे समय तक चलती रहीं और खुफिया व पुलिस तंत्र को भनक तक नहीं लगी। अगर सरकार को रिपोर्ट की है तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इससे सरकार की लापरवाही जगजाहिर हो जाती है।

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अवैध शराब की फैक्ट्रियों के मामले में अकाली दल राजपुरा से विधायक हरदयाल सिंह कंबोज, घनौर से विधायक मदन लाल जलालपुर, खन्ना से विधायक गुरकीरत सिंह कोटली व लुधियाना से सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ कार्रवाई करने की सरकार से मांग कर रहा है। कांग्रेस नेता अकाली-भाजपा सरकार के दस साल के शासन में माफिया राज को बढ़ावा देने के आरोप लगाते रहे हैं। अब अकाली नेता कैप्टन सरकार को माफिया राज के मुद्दे पर घेरने लगे हैं। शराब के मुद्दे पर अकाली दल अधिक हमलावर है।

डीजीपी ने सभी पुलिस कमिश्नरेट व एसएसपी से कल तक मांगी है रिपोर्ट

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अवैध शराब के मामले में डीएसपी और एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश डीजीपी दिनकर गुप्ता को दिए हैं। इस पर डीजीपी ने सभी पुलिस कमिश्नरेट व एसएसपी से जिला स्तर और थाना स्तर पर अवैध शराब बेचने वालों, शराब निकालने वालों या डिस्टलरी संबंधित रिपोर्ट 23 मई तक मांगी है।

दिलचस्प बात है कि डीजीपी ने निचले स्तर के उन अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है, जिनमें से अधिकतर विधायक की सिफारिश के बाद ही एसएचओ लगे हैं। इससे रिपोर्ट पर भी संशय रहेगा। गिद्दड़बाहा से कांग्रेस विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग ने ट्वीट कर मुख्य सचिव पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे। राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा व शमशेर सिंह दूलो भी अवैध शराब फैक्ट्रियों के मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग कर चुके हैं।

कैप्टन माफिया राज को दे रहे शह : हरपाल चीमा

आम आदमी पार्टी के विधायक व नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा का कहना है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह माफिया राज को शह दे रहे हैं। चुनाव से पहले कैप्टन ने सूबे में ट्रांसपोर्ट माफिया, केबल माफिया, रेत माफिया, शराब माफिया व नशे का चार हफ्ते में खात्मा करने का वादा किया था। अब आबकारी विभाग मुख्यमंत्री के पास होने के कारण उनकी सीधे जिम्मेदारी बनती है। कैप्टन को यह स्वीकार करना चाहिए कि अवैध शराब की बिक्री कर सरकार शराब से तय लक्ष्य हासिल नहीं कर सकती।

अवैध शराब बेचने वाले कांग्रेसियों पर कार्रवाई में विफल रहे कैप्टन : शिअद

शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि कैप्टन पूरे मामले की जानकारी होने के बावजूद शराब तस्करी करने वाले कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहे हैं। पार्टी ने राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर से अपील की कि वह मुख्यमंत्री को तस्करों के नाम सार्वजनिक करने का निर्देश दें। डॉ. चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश कांग्रेस प्रमुख समेत अकाली नेताओं से एक मीटिंग में स्वीकार किया था कि उन्हें कांग्रेसी नेताओं के शराब तस्करी के कारोबार में शामिल होने संबंधी पूरी जानकारी थी। इसकी पुष्टि कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी की थी। कैप्टन को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उन्होंने अपनी सरकार बचाने के लिए मंत्रियों तथा विधायकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि पंजाब में सभी शराब फैक्ट्रियों के ईएनए भंडार का ऑडिट करवाया जाए और हाईकोर्ट के जस्टिस से हजारों करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच करवाई जाए।


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