Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पंजाब में सरपंच बनने के लिए शिक्षा की शर्त अनिवार्य करने की तैयारी

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Tue, 11 Apr 2017 11:14 AM (IST)

    पंजाब सरकार की शिक्षित सरपंच नीति बनाने की योजना पर विचार कर रही है। पंचायत मंत्री के अनुसार जल्द ही इस संबंध में कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा।

    पंजाब में सरपंच बनने के लिए शिक्षा की शर्त अनिवार्य करने की तैयारी

    जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में अनपढ़ पंच और सरपंचों के दिन लदने जा रहे हैं। पंजाब सरकार पंच व सरपंच के लिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए शिक्षा को अनिवार्य करने की योजना तैयार कर रही है। जनरल श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 10वीं, दलित श्रेणी के लिए 5वीं पास और महिला उम्मीदवारों के लिए 8वीं पास होना अनिवार्य होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पढ़े-लिखे सरपंचों को लेकर पंजाब अब हरियाणा सरकार की नीति को अपनाने का विचार कर रही है। अनपढ़ पंचों और सरपंचों को पंचायत से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए पीछे सरकार की मंशा है कि अनपढ़ पंच या सरपंचों को यह ही नहीं पता होता कि जिस प्रस्ताव को वह स्वीकृति दे रहे हैं, उसमें लिखा क्या गया है। वहीं, सरकार के पास यह भी शिकायत है कि असली गोलमाल पंचायत सेक्रेटरी के स्तर पर होता है, लेकिन अनपढ़ सरपंच होने के कारण गाज उस पर ही गिरती है।

    ग्रामीण विकास व पंचायत राज्य मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा का कहना है कि जिस तेजी से तकनीक से लेकर शिक्षा का विकास हो रहा है। ऐसे में यह जरूरी है कि पंचायतों में भी पढ़े-लिखे सरपंच चुने जाएं। कई राज्य इस पॉलिसी को अपना चुके हैं, लेकिन पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने इसे नहीं अपनाया। कांग्रेस सरकार शिक्षा की अनिवार्यता को पंचायत चुनाव में अनिवार्य करने का विचार कर रही है। जल्द ही कैबिनेट में भी इस पर विस्तार से चर्चा होगी।

    14 हजार पंचायतें हैं पंजाब में

    पंजाब में करीब 13000 पंचायतें हैं। इनमें 40 फीसद वह लोग हैं, जो कि पढ़े-लिखे नहीं हैं। पूर्व की अकाली-भाजपा सरकार ने भी इस पॉलिसी पर विचार तो किया था, लेकिन अपने पंचों और सरपंचों की नाराजगी मोल न लेनी पड़े, इसके लिए इस पर कोई विचार नहीं किया। कांग्रेस अब इस पॉलिसी को अपनाने पर विचार कर रही हैं।

    1 करोड़ की ग्रांट पाने वाले पंचायतों की सूची मांगी

    मंत्री बाजवा ने विभाग से 1 करोड़ से ज्यादा की ग्र्रांट पाए जाने वाले पंचायतों की लिस्ट मंगवा ली है। कांग्रेस सरकार किसी भी प्रकार की थर्ड पार्टी ऑडिट करवाने से पहले खुद ही इस बात की जानकारी लेना चाहती है कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार के दौरान ग्र्रांट कहां-कहां पर कितनी गई। बाजवा ने बताया कि लिस्ट मांगी गई है। उम्मीद है कि दो-तीन दिन में लिस्ट आ जाएगी। चूंकि पिछली अकाली-भाजपा सरकार के दौरान ग्रांटों की बंदरबाट हुई है। कई पंचायतों को कई करोड़ रुपये गये, लेकिन काम नहीं हुआ। लिस्ट तैयार होने के बाद सरकार इस बात पर विचार करेगी कि विभागीय जांच करवाई जाए या थर्ड पार्टी ऑडिट।

    सोशल ऑडिट होना चाहिए: वडि़ंग

    गिद्दड़बाहा के विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग ने ग्र्रामीण विकास मंत्री से अपील की है कि पिछली सरकार के दौरान हुए कार्यों का सोशल ऑडिट करवाया जाए। उन्होंने कहा कि वह अपने हलके में सोशल ऑडिट करवाने के लिए तैयार हैं। अगर विभाग मौके पर सोशल ऑडिट करता है तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

    यह भी पढ़ें: एसवाइएल के मुद्दे पर पीएम मोदी के साथ कैप्टन-खट्टर की बैठक 20 को