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    पंजाब व हरियाणा के विपक्षी विधायक एक-दूसरे के विस तक पहुंचे, हंगामा

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Thu, 17 Mar 2016 08:42 PM (IST)

    पंंजाब एवं हरियाणा के बीच एसवाईएल नहर विवाद के कारण वीरवार को दोनों विधानसभाओं में अभूतपूवर् हालात पैदा हाे गए। हरियाणा के इनेलो विधायकों ने पंजाब विधानसभा के गेट और पंजाब के कांग्रेस विधायकाें ने हरियाणा विधानसभा के बाहर नारेबाजी की। उन्‍होेंने दोनों सदनों में घुसने की कोशिश भी की।

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    चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा में उस समय अजीब सी स्थिति पैदा हो गई हरियाणा के इनेलो विधायकों के प्रदर्शन के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। हरियाणा के ये विधायक अचानक पंजाब विधानसभा के गेट पर पहुंच गए अौर नारेबाजी करने लगे। पहले तो विधानसभा का गेट बंद अंदर से बंद कर दिया गया, लेकिन उनका शाेरगुल जारी रहा ताे सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। हरियाणा और पंजाब की विधानसभाएं एक ही भवन में आसपास हैं। ये विधायक पंजाब में सतलुज यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) को भरने के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। बाद में पंजाब के कांग्रेस विधायकों ने हरियाणा विधानसभा के बाहर प्रदर्शन व नारेबाजी की।

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    दोनों विधानसभाओं में प्रदर्शन करने वाले विधायकों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित

    बाद में पंजाब विधानसभा ने इनेलो विधायकाे और हरियाणा विधानसभा ने पंजाब के कांग्रेस विधायकों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर दिया। दोनों ओर से विपक्षी स्पीकरों को इस प्रस्ताव की प्रति भेजने की बात कही गई ताकि वह संबंधित विधायकों पर कार्रवाई कर सकें।

    इनेलो विधायक पंजाब विधानसभा के गेट तक पहुंचे

    पंजाब विधानसभा में बजट पर चर्चा हाे रही थी। इसी दौरान अचानक हरियाणा के इनेलो विधायक विधानसभा के गेट के ठीक बाहर पहुंच गए। उनका नेतृत्व हरियाणा विधानसभा में नेता विपक्ष अभय सिंह चौटाला कर रहे थे। इनेलो विधायक एसवाईएल नहर के मामले में पंजाब सरकार के कदम और नहर को पंजाब में भरे जाने पर विरोध जता रहे थे। उन्होेंने जोर-जोर से नारेबाजी शुरू कर दी।

    इससे विधानसभा की कार्यवाही में बाधा पड़ने लगी। स्पीकर ने यह कहते हुए विधानसभा का गेट बंद करा दिया कि इनेलो विधायक सदन के अंदर न आ जाएं। स्पीकर ने कहा- सदन का गेट बंद कर दो, कहीं हरियाणा के विधायक अंदर न आ जाएं। गेट बंद करने के बाद भी जब शोरगुल कम नहीं हुआ तो स्पीकर ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया।

    पंजाब विधानसभा के बाहर नारेबाजी करते इनेलो विधायक।

    इस दौरान हरियाणा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला के नेतृत्व में इनेलो विधायक सदन के बाहर लगातार मोदी सरकार, पंजाब सरकार और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करते रहे और वाच एंड वार्ड स्टाफ के साथ उनकी धक्कामुक्की होती रही।

    उन्होंने पंजाब पर हरियाणा के पानी पर डाका डालने का आरोप भी लगाया। करीब 15 मिनट बाद में पंजाब विधानसभा के स्पीकर ने उन्हें अपने चैंबर में बुलाया और बात की। दस मिनट की इस बैठक के बाद इनेलो विधायक वापस लौट गए।

    इसके बाद स्पीकर चरणजीत अटवाल ने संसदीय कार्य मंत्री मदन मोहन मित्तल के साथ बैठक कर इस मामले पर चर्चा की और फिर 12:35 बजे सदन में आकर और आधे घंटे के लिए कार्यवाही स्थगित कर दिया। इस दौरान कई कैबिनेट मंत्री भी स्पीकर के चैंबर में पहुंच गए।

    करीब एक घंटे बाद जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल सदन में नहीं आए। उनकी गैर मौजूदगी में संसदीय कार्यमंत्री मदन मोहन मित्तल ने इनेलो विधायकों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव रखते हुए कहा कि हरेक विधानसभा को कानून बनाने का अधिकार है, यह उसका लोकतांत्रिक अधिकार है। पंजाब द्वारा बिल पास करने के खिलाफ इनेलो सदस्यों ने मैंबर्स लाउंज में नारेबाजी की, जो बेहद निंदनीय है। मित्तल ने कहा कि इस निंदा प्रस्ताव की प्रति हरियाणा विधानसभा के स्पीकर को भेजी जाए ताकि वह संबंधित विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करें।

    अभय सिंह चौटाला ने पंजाब के अकाली दल के साथ इनेलो का रिश्ते खत्म करने का एेलान किया। उन्होंने कहा कि जब पंजाब विधानसभा में एसवाईएल की जमीन लौटाने वाला बिल आया था तभी इनेलो ने अकाली दल से अपना नाता तोड़ लिया था। उन्होंने कहा कि भाजपा नहीं चाहती है कि हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिले। पंजाब में भाजपा अकाली दल के साथ सरकार में है। ऐसे मे उसे भी अकाली दल ने अपना गठबंधन तोड़ लेना चाहिए।

    चौटाला ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इनेलो कार्यकर्ता पंजाब की सीमाओं को सील करेंगे और कार्यकर्ता कस्सी लेकर फिर से नहर की खुदाई करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। कांग्रेस पर टिप्पणी करते हुए अभय चौटाला व अशोक अरोड़ा ने कहा कि कांग्रेस विधायक एसवाईएल के लिए नहीं बल्कि अपने निलंबन को रद्द करवाने के लिए राष्ट्रपति से मिलने गए हैं। कांग्रेस विधायकों को एसवाईएल की ङ्क्षचता नहीं है, बल्कि उन्हें अपने भत्तों के कटने का डर है।

    हरियाणा विधानसभा के गेट के बाहर नारेबाजी करते पंजाब के कांग्रेस विधायक।

    पंजाब के कांग्रेस विधायकों का हरियाणा विस के बाहर हंगामा

    बाद में पंजाब के कांग्रेस विधायक भी हरियाणा विधानसभा के पास पहुंच गए और वहां जमकर हंगामा किया। उन्होंने वहां जमकर नारेबाजी की। इससे वहां अफरातफरी का माहौल बन गया। हरियाणा के इनेलो विधायकों के प्रदर्शन के जवाब में कांग्रेस विधायक हरियाणा विधानसभा के बाहर तक पहुंच गए। वहां उन्होंने एसवाईएल नहर मामले पर हरियाणा के खिलाफ नारेबाजी की।

    कांग्रेस विधायकों ने हरियाणा विधानसभा में घुसने की कोशिश करते हुए सदन के मुख्य द्वार के पास हंगामा किया। इनेलो विधायकों ने जहां पंजाब के स्पीकर से मुलाकात की और अपनी भावनाएं बताई वहीं पंजाब के कांग्रेस विधायक दस मिनट हंगामा कर बिना स्पीकर से मिले ही लौट गए।

    इसके तुरंत बाद हरियाणा विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री रामबिलास शर्मा ने पंजाब के कांग्रेस विधायकों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि पंजाब के कांग्रेस विधायकों द्वारा सदन के बाहर हंगामा करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने स्पीकर कंवर पाल गुर्जर से कहा कि इस निंदा प्रस्ताव की एक प्रति पंजाब विधानसभा के स्पीकर को भेज कर इन कांग्रेस सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई कराने का अनुरोध किया।

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    पंजाब का कदम असंवैधानिक, हरियाणा की होगी जीत : कैप्टन अभिमन्यु

    दूसरी ओर हरियाणा के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि सतलुज यमुना लिंक नहर पर पंजाब नेतृत्व ने असंवैधानिक काम किया है। जिस तरह की कार्रवाई पंजाब सरकार और वहां के नेता कर रहे है वह अनुचित है। एसवाईएल नहर का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, ऐसे में इस तरह नहर के लिए अधिग्रहीत भूमि को लौटाने का बिल लाना और नहर को भरना आपत्तिजनक है। उन्होेंने कहा, हमें पूरा भरोसा है कि एसवाईएल पर फैसला हमारे पक्ष में आएगा।

    कैप्टन अभिमन्यु ने अकाली दल से रिश्ते तोडऩे की इनेलो की मांग पर कहा कि समय का इंतजार कीजिए, हमारे यहां एक सिस्टम है, फैसले हाईकमान करता है, पूरा मामला केंद्रीय नेतृत्व की जानकारी में है। हरियाणा के हितों की अनदेखी नहीं होने देंगे।