Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब पंजाब यूनिवर्सिटी में बना जेएनयू और रामजस कॉलेज जैसा माहौल

    By Ankit KumarEdited By:
    Updated: Wed, 01 Mar 2017 07:01 PM (IST)

    चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी भी नई दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी व रामजस कॉलेज बनती जा रही है। छात्र गुटों में लगातार टकराव की स्थिति बनी हुई है।

    अब पंजाब यूनिवर्सिटी में बना जेएनयू और रामजस कॉलेज जैसा माहौल

    जेएनएन, चंडीगढ़। चंडीगढ़ की पीयू भी नई दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी व रामजस कॉलेज बनती जा रही है। पंजाब यूनिवर्सिटी में भी राष्ट्रवाद और गैर राष्ट्रवाद पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व वामपंथियों से जुड़े स्टूडेंट संगठन स्टूडेंट फॉर सोसायटी (एसएफएस) के बीच लगातार टकराव की स्थिति बनी हुई है। मंगलवार देर शाम भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन के नेतृत्व में एबीवीपी कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल बीपी बदनौर से मिलने भी पहुंचा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एबीवीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हरमनजोत सिंह ने बताया कि राज्यपाल से इस बात की जांच कराने की मांग की गई है कि उन पर पुलिस केस किसके कहने पर दर्ज किया गया। वहीं पुलिस का कहना है कि पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शांति भंग की आशंका के तहत शिकायत दी थी। हालांकि जब पुलिस को ये शिकायत दिखाने को कहा, तो उन्हें नहीं दिखाई गई।

    राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि उन्हें दोपहर 2 बजे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। शाम 6 बजे तक उन पर कोई केस दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद केस दर्ज किया गया और रात को 11.30 बजे मजिस्ट्रेट के सामने गेस्ट हाउस में पेश किया गया। इस दौरान पुलिस प्रशासन का रवैया सही नहीं था। पुलिस द्वारा हवालात में चार लोगों को दो कंबल दिए गए। ऐसा अमानवीय व्यवहार एबीवीपी कार्यकर्ताओं के साथ किया गया, जैसे वह कोई आतंकवादी या अपराधी हों। हरमनजोत सिंह ने कहा कि बुधवार को वीसी से भी मुलाकात करेंगे और पूछेंगे कि केस दर्ज करवाने की सिफारिश पीयू प्रशासन की ओर से क्यों की गई।

    सोमवार को भिड़े थे दोनों संगठन 
    गौरतलब है कि सोमवार को दोनों संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता पुलिस की मौजूदगी में आपस में भिड़ गए थे। जिसके चलते एबीवीपी और एसएफएस के 4-4 कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया गया था। देर रात करीब 11.30 बजे पुलिस ने इन गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को यूटी गेस्ट हाउस में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से इन्हें जमानत दे दी गई। इस मामले में पीयू के एबीवीपी छात्र संगठन ने महापौर आशा जसवाल के साथ मिलकर प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से की मुलाकात और विश्वविद्यालय के ताजा हालात पर कार्रवाई की मांग की।
    स्टूडेंट सेंटर पर मांगा सहयोग
    मंगलवार दोपहर को एबीवीपी ने पंजाब यूनिवर्सिटी में राष्ट्र को सर्वोपरि मानते हुए स्टूडेंट सेंटर पर हस्ताक्षर अभियान चलाया। इस अभियान में सेंटर पर व परिसर में मौजूद स्टूडेंट्स से बड़ी तादाद में दो बड़े फ्लैक्स पर दस्तखत कराए गए। एबीवीपी की सेंट्रल वर्किंग कमेटी के हरमनजोत सिंह और अन्य एबीवीपी कार्यकर्ता स्टूडेंट्स को बता रहे थे कि एसएफएस से जुड़े कार्यकर्ता सेना के जवानों व सुरक्षा कर्मियों को बलात्कारी बता रहे हैं। सैनिकों को रेपिस्ट तक बताया जा रहा है। आजाद देश में रहकर वामपंथी आजादी मांग रहे हैं, ये शर्म की बात है। सेना व सुरक्षा कर्मियों को निशाना बनाया जा रहा है।
    फिर आई भिड़ने की नौबत पुलिस ने किया बीच बचाव
    उधर, जब एबीवीपी के कार्यकर्ता हस्ताक्षर करवा रहे थे तो मौके पर एसएफएस व एनएसयूआइ के वरिंदर ढिल्लों धड़े के कार्यकर्ता भी जुट गए। एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं ने एबीवीपी और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने एबीवीपी मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। कैंपस के हालातों को देखते हुए पहले से ही लगभग 50 पुलिसकर्मियों ने मोर्चा संभाला हुआ था।
    घटिया राजनीति कर रही एबीवीपी : एसएफएस
    एसएफएस से जुड़े नेताओं के अनुसार एबीवीपी घटिया राजनीति पर उतर आई है। राष्ट्रप्रेम का इनके पास कोई ठेका नहीं है? एसएफएस के कार्यकर्ता भी देश पर जान छिड़कते हैं। लेकिन जो गलत हो रहा है, उस पर सवाल तो उठाए ही जा सकते हैं।