भारत-फ्रांस मिलकर लड़ेंगे आतंकवाद से, मोदी-अोलांद ने जताई प्रतिबद्धता
भारत और फ्रांस ने आतंकवाद से मिलकर लड़ने की प्रतिबद्धता जताई है। इंडो-फ्रेंच बिजनेस समिट के समापन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलांद ने कहा कि दोनों मुल्क मिलकर दुनिया में सुरक्षा की भावना लाना चाहते हैं।
हरिश्चंद्र, चंडीगढ़। भारत और फ्रांस ने आतंकवाद से मिलकर लड़ने की प्रतिबद्धता जताई है। इंडो-फ्रेंच बिजनेस समिट के समापन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलांद ने कहा कि दोनों मुल्क मिलकर दुनिया में सुरक्षा की भावना लाना चाहते हैं। ओलांद भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर रविवार को चंडीगढ़ पहुंचे। मंगलवार को नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में इस बार वह मुख्य अतिथि होंगे।
मोदी ने कहा कि जब फ्रांस पर आतंकी हमला हुआ था, उसी दिन उन्होंने तय कर लिया था कि फ्रांस के राष्ट्रपति को अगली गणतंत्र दिवस परेड में बुलाएंगे ताकि दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने की ताकत दिखा सकें। उन्होंने साथ ही कहा कि फ्रांस ने संकट की घड़ी में पूरी दृढ़ता दिखाई। आतंकी हमले के बाद भी उसने पेरिस में अंतरराष्ट्रीय स्तर की बैठक रखी, वहां की जनता व मीडिया ने पेरिस पर आतंकी हमले के बाद सरकार का पूरा साथ दिया, भारत को इससे सीखने की जरूरत है।
ओलांद ने कहा कि चाहे सैन्य उपकरण हों या राफेल, या फिर साइबर सुरक्षा, फ्रांस भारत की सुरक्षा में साथी बन सकता है। यह उनका पहला भारत दौरा नहीं है मगर यह कुछ अलग जरूर है। उन्हें गणतंत्र दिवस परेड के लिए आमंत्रित किया गया है जिसकी शुरुआत 1950 में हुई थी। जलवायु परिवर्तन पर पेरिस में हुए वैश्विक सम्मेलन में जो करार हुआ था, उसके लिए वह भारत का आभार व्यक्त करने यहां आए हैं। वह चाहते हैं कि वह करार केवल कागजों पर ही न रहे बल्कि हकीकत भी बने।
मोदी ने भी जलवायु परिवर्तन करार के संबंध में फ्रांस के भारत पर भरोसे का किस्सा सुनाते हुए कहा कि इस करार के मसौदे के संबंध में बैठक से पहले ओलांद ने उन्हें फोन किया मगर तब वह वाराणसी जा रहे थे। इस पर ओलांद ने वह बैठक टाल दी और उनके बनारस पहुंचने पर विस्तार से बात की कि इस करार में क्या-क्या शामिल किया जा रहा है। ओलांद ने जलवायु परिवर्तन और प्रकृति का शोषण रोकने पर उनके साथ विस्तार से बात की। यह विश्वास हमारे संबंधों का नया आगाज है।
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भारत से तीसरी बड़ी व्यापारिक साझेदारी
ओलांद ने कहा कि फ्रांस की भारत के साथ तीसरी बड़ी व्यापारिक साझेदारी है। भारत की करीब 1,000 कंपनियों के साथ फ्रांस की कंपनियां मिलकर काम कर रही हैं। हर साल एक बिलियन डॉलर का निवेश यहां किया जाएगा और इसमें हर साल बढ़ोतरी होगी। भारत को अपनी आबादी के लिए चंडीगढ़ जैसे और शहर बसाने होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने 100 स्मार्ट सिटी पर काम करना शुरू किया है, इसमें फ्रांस पूरा सहयोग देगा।
फ्रांस चाहता था साझेदारी में बदलाव
ओलांद ने कहा कि उनकी यात्रा के दो मकसद हैं। फ्रांस 1998 में भारत के साथ अपनी साझेदारी में बदलाव चाहता था मगर यह अब संभव हो पाया। दोनों बड़े लोकतंत्र हैं, इसलिए आपसी सांझेदारी का महत्व समझते हैं। दोनों देश अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया में शीर्ष स्थान पर हो सकते हैं। भारत अपनी ऊर्जा की 40 फीसदी जरूरतें अक्षय ऊर्जा से पूरी करे। फ्रांस इस क्षेत्र में अपनी टेक्नोलॉजी भारत से बांटना चाहता है। चाहे फ्रांस बड़ा देश नहीं है मगर टेक्नोलॉजी में बहुत आगे है।
एक साल में पांच बार ओलांद से मिला
मोदी ने कहा कि 'मैं एक साल में पांच बार ओलांद से मिला हूं और अलग-अलग मंच पर हुई इन मुलाकातों में कई मुद्दों पर विस्तार से बात हुई। हमारी 125 करोड़ आबादी है। 50 मैट्रो शहरों में हम मैट्रो रेल लाना चाहते हैं। 2022 तक 50 लाख गरीब लोगों को घर देने हैं। इन कार्यो में फ्रांस हमारी बड़ी सहायता कर सकता है क्योंकि वह टेक्नोलॉजी में माहिर है।'
दोनों दिग्गजों ने चंडीगढ़-फ्रांस का नाता जोड़ा
ओलांद ने कहा कि चंडीगढ़ के साथ फ्रांस का प्रतीकात्मक नाता है, इस शहर की रूपरेखा फ्रांसीसी आर्किटेक्ट कार्बूजे ने तैयार की थी। उन्होंने भारत में आकर नए शहर के अपने विचार को मूर्तरूप दिया। यूनेस्को ने भी चंडीगढ़ को हेरीटेज सिटी घोषित किया है। यहां 2.6 बिलियन साल पहले भी मानवीय गतिविधियां होती थीं। यह इसके लिए गर्व की बात है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चंडीगढ़ का फ्रांस से नाभि का नाता है। दोनों में स्वाभाविक अपनापन जुड़ा है।
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-बोले ओलांद-
''चाहे सैन्य उपकरण हों या राफेल सौदा, और या फिर साइबर सुरक्षा, फ्रांस भारत की सुरक्षा में साथी बन सकता है।'' -फ्रांस्वा ओलांद, राष्ट्रपति फ्रांस।
- भारत के साथ मिलकर दुनिया में सुरक्षा की भावना लाना चाहते हैं
-हर साल भारत में एक बिलियन डॉलर का निवेश किया जाएगा
-भारत में 100 स्मार्ट सिटी के काम में फ्रांस पूरा सहयोग देगा
-बोले मोदी-
''जब फ्रांस पर आतंकी हमला हुआ था, तभी उन्होंने तय कर लिया था कि फ्रांस के राष्ट्रपति को गणतंत्र दिवस परेड में बुलाएंगे।'' -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री।
-संकट की घड़ी में फ्रांस की दृढ़ता से भारत को सीखने की जरूरत
-ओलांद के भाषण से उनका भारत के साथ काम करने का उत्साह नजर आया
-मेट्रो जैसी योजनाओं में फ्रांस हमारी बड़ी सहायता कर सकता है
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