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    एनआरआइ दूल्हों के खिलाफ सरकार बनाएगी कड़ा कानून

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sat, 22 Jul 2017 09:43 AM (IST)

    एनआरअाइ दूल्‍हाें द्वारा शादी के बाद पंजाब की लड़कियों को छोड़ देने की बढ़ती घटनाआें के बाद सरकार इस बारे में कड़े कानून बनाएगी। इसके लिए कमेटी गठित कर इसकी कवायद शुरू की गई है।

    एनआरआइ दूल्हों के खिलाफ सरकार बनाएगी कड़ा कानून

    जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में आकर शादी कर पत्नी को यहीं पर छोड़कर विदेश भागने वाले एनआरआइ दूल्हे अब बच नहीं पाएंगे। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार ने सख्त कानून बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इस सिलसिले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 13 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।

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    कमेटी में दिल्ली महिला आयोग को भी शामिल किया गया है। दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाती मालीवाल ने पंजाब का दौरा कर एनआरआइ कमीशन व थाने का दौरा किया और ऐसे मामलों की जानकारी हासिल की। उन्होंने बताया कि अभी कमेटी इस बात का अध्ययन कर रही है कि हमारी लड़कियों को शादी के बाद देश में ही छोड़कर भागने वाले एनआरआइज पर नकेल कैसे डाली जाए।

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    उन्‍हाेंने कहा किइसे लेकर दोनों पक्षों व संबंधित कानून कौन सा लागू किया जाए, इस पर रिसर्च जारी है। कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट विदेश मंत्रलय को सौंपेगी। इसके बाद कानून बनाने की दिशा में पहल होगी। एक सवाल के जवाब में मालीवाल ने बताया कि उन्होंने पंजाब एनआरआइ कमीशन के चेयरपर्सन जस्टिस राकेश गर्ग से मुलाकात कर उनके पास आने वाली शिकायतों के बारे में जानकारी हासिल की।

    उन्‍होंने कहा कि पंजाब में यह समस्या काफी गंभीर है। सैकड़ों की संख्या में पंजाबी लड़कियां एनआरआइ दूल्हों की ठगी का शिकार हुई हैं। इस संबंध में पंजाब महिला आयोग को भी पत्र लिखकर ऐसे केसों की जानकारी व सुझाव मांगे गए हैं। इस पर कमेटी गंभीरता से विचार करेगी।

    दिल्ली महिला अयोग ने 12 हजार केस हल किए

    स्वाती ने बताया कि दिल्ली महिला आयोग ने एक साल में 12 हजार केस हल किए हैं, जबकि 3.15 लाख कॉल्स अपनी महिला हेल्पलाइन 181पर रिसीव की है। इसके अलावा 55 सिफारिश केंद्र व दिल्ली सरकार को भेजी हैं, 1869 काउंसलिंग सेशन करे हैं। आयोग ने 5500 कोर्ट केस में यौन शोषण पीड़िताओं की मदद की है। इससे महिलाओं को राहत मिली है।

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    देश में अभी बहुत कमजोर है कानून

    स्वाती ने बताया कि वर्तमान में जो कानून है उनके तहत यदि कोई एनआरआइ दूल्हा किसी लड़की के साथ शादी कर उसे छोड़ कर विदेश चला जाता है, तो उसे अपने देश में वापस लाना बहुत मुश्किल है। इसलिए देश में शादी करके लड़की को छोड़ कर विदेश भागने वाले एनआरआइ दूल्हों को सजा दिलाने के लिए एक सख्त कानून की आवश्यकता है।

    उन्‍होंने कहा कि जिस तरह पंजाब में एनआरआइ कमीशन बनाया गया है, वैसे ही सभी राज्यों में बनने चाहिए। सभी शादियां रजिस्टर्ड होनी चाहिए। दिल्ली महिला आयोग को इस संबंध में कोई भी अपने सुझाव दे सकता है। एनआरआइ दूल्हों की ओर से सताई गई महिलाओं, उनके परिवार के सदस्य व एनआरआइ भी इस संबंध में सुझाव दे सकते हैं।