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    भ्रष्टाचार मामलों पर कड़क हुई कैप्‍टन सरकार, तीन दिन में दायर होगी चार्जशीट

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Tue, 21 Mar 2017 09:17 PM (IST)

    मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने भ्रष्‍टाचार, नशा अौर माफिया पर अपने कड़े तेवर दिखाए हैं। उन्‍होंने कहा कि भ्रष्‍टाचार के मामलों में तीन दिन में चार्जशीट दायर होंगे।

    भ्रष्टाचार मामलों पर कड़क हुई कैप्‍टन सरकार, तीन दिन में दायर होगी चार्जशीट

    जेएनएन, चंडीगढ़। नशे, भ्रष्टाचार और माफिया के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अफसरशाही की जिम्मेवारी तय कर दी है। उन्‍हाेंने प्रदेश भर के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ तेजी से निर्णायक कार्रवाई करने और तीन दिनों के भीतर नोटिस जारी करचार्जशीट दायर करने के लिए कहा है।

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    - अफसरों के साथ बैठक, नाकामी के लिए अफसरों की जवाबदेही होगी तय

    कैप्‍टन ने यहां पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में कड़े तेवर दिखाए। उन्‍होंने जिला पुलिस प्रमुखों और जिला उपायुक्‍तों को आदेश दिए कि बड़े नशा तस्करों, गैंगस्टरों और अन्य अपराधियों को तुरंत काबू किया जाए। उन्‍होंने वीआइपी सिक्योरिटी व गैरजरूरी ड्यूटी निभा रहे पुलिस कर्मचारियों को वापस बुलाने के निर्देश भी दिए। कैप्टन ने कहा कि इस कार्यों में पुलिसकर्मियाें को लगाए जाने की समीक्षा हो और ज्यादा पुलिस कर्मचारियों को आम लोगों की सुरक्षा में लगाया जाए।

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    मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार, गैरकानूनी खनन, गैरकानूनी आवाजाही, झूठी एफआईआर दर्ज करने, जायज एफआइआर दर्ज न करने, यातायात नियमों के उल्लंघन, गुंडागर्दी तथा शराब के नाजायज व्यापार के मामलों में जिलों के उच्चाधिकारियों की सीधी जिम्मेदार तय की। साथ ही निर्देश दिए कि चार हफ्ते में नशा तस्करों, गैरकानूनी खनन करने वालों के खिलाफ छापामारी सहित जरूरी कार्रवाई को अंजाम दें।

    कैप्टन ने कहा कि नशे की सप्लाई व बिक्री रोकने के लिए पुलिस की सीधी जवाबदेही होगी। ड्रग्स मामलों को निपटने वाले कई पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की निजी तौर पर उन्हें जानकारी है और यह किसी भी सूरत में माफी के योग्य नहीं है। उन्‍होंने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में ऐसी कोई शिकायत मिली तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

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    बैठक में मुख्य प्रधान सचिव सुरेश कुमार, मुख्य सचिव करण अवतार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह एनएस कलसी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त सतीश चंद्रा, डीजीपी सुरेश अरोड़ा, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विनी महाजन भी मौजूद रहे।

    बैठक में ये फैसले हुए

    -थानों और चौकियों के पुलिस कर्मचारियों के कार्य घंटे तय होंगे।

    -पंजाब में पिछले समय के दौरान हुईं आतंकी घटनाओं के मामलों की जांच में तेजी लाने के आदेश।

    -सांप्रदायिक तनाव पर संबंधित क्षेत्र के डिप्टी कमिश्नर, पुलिस आयुक्त व एसएसपीज होंगे जिम्मेवार।

    -पुलिस स्टेशनों की सीमाएं तर्कसंगत बनेंगी। दो हफ्ते में गृह विभाग को रिपोर्ट भेजने के आदेश।

    -परिवहन टैक्सों के ऑनलाइन भुगतान और बकाये की वसूली कंप्यूटर आधारित होगी।

    -बिजली कनेक्शनों के सभी आवेदन ऑनलाइन होंगे और लंबित मामलों की जानकारी वेबसाइट पर देनी होगी।

    -सात पब्लिक डीलिंग दफ्तरों (सब-रजिस्ट्रार, तहसील, सब-डिवीजन, परिवहन, खाद्य एवं सिविल आपूर्ति, पुलिस थाने और पॉवरकाम शामिल) के अधिकारी कार्यदिवस वाले दिन सुबह नौ से शाम पांच बजे तक अपने कार्यालय में उपस्थित रहेंगे। दौरे पर होने की सूरत में इसकी सूचना वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर देंगे।

    -सभी आवेदनों की स्कैनिंग के बाद इसका रिकार्ड कंप्यूटर पर होगा। आवेदक को ईमेल, एसएमएस या डाक से जानकारी दी जाएगी और आवेदन का निपटारा आरटीएस एक्ट के अनुसार होगा।

    - सभी रजिस्ट्रियां उसी दिन की जाएं। रजिस्ट्री करने से इंकार करने पर इसे लिखित रूप में रिकार्ड में लाया जाए।

    -सभी इंतकाल सात दिन के भीतर होंगे। आवेदन पर इंतकाल कराने वाले का पूरा नाम और पता लिखाकर सब-रजिस्ट्रार उसी दिन इसे फर्द केंद्र को भेजेंगे।

    -दफ्तरों में लोगों के बैठने और पेयजल के प्रबंध की व्यवस्था के अलावा आवेदन भरने के लिए सहायता काउंटर बनाने के आदेश भी दिए गए।