हाइवे के आसपास शराबबंदी के सूत्रधार हरमन के घर पर हमला
देश में हाइवे के किनारे शराब ठेके बंद कराने के सूत्रधार रहे चंडीगढ़ के हरमन सिद्धू के घर पर किसी ने हमला किया है। हरमन को कई राज्यों से फोन पर धमकियां भी मिल रही हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। देश हाइवे के 500 मीटर के दायरे में शराबंदी के सूत्रधार एनजीओ अराइव सेफ के संचालक हरमन सिद्धू के घर पर हमला हुआ है। यहां सेक्टर-21 स्थित हरमन के घर पर कार में आए कुछ लोगाें ने हमला किया। उनके घर पर कोई पत्थरनुमा चीज फेंकी, जिससे कोठी के बाहरी कमरे टफल ग्लास टूट गया। इसके साथ ही हरमन को कई राज्यों से फाेन पर लगातार धमकियां भी मिल रही हैं।
बता दें कि हरमन ने हाइवे के किनारे शराब ठेके बंद कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी। इसके परिणाम स्वरूप सुप्रीम कोर्ट ने हाइवे के 500 मीटर के दायरे में शराब ठेके खोलने पर प्रतिबंध लगा दिया। हरमन ने बताया कि वह उस समय उसी कमरे में बैठे थे जहां 6 बाय 4 फुट का टफल ग्लास लगा है।
हरमन ने बताया कि उन्हें सिर्फ सामने से किसी कार के गुजरने की झलक मिली। शीशे पर किसने और किस चीज से चोट की, पता नहीं चला है। लगता है कार सवारों ने लोहे की कोई चीज फेंकी है। वे पुलिस प्रमुख तेजिंदर सिंह लूथरा से मिल चुके हैं, उन्होंने सुरक्षा सुनिश्चत करने का वादा किया है।
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हरमन ने कहा कि फोन पर धमकियां मिलने के बाद उन्होंने अपना मोबाइल व घर के दूसरे नंबर पुलिस की साइबर सेल की ट्रेसिंग पर लगवाए हैं। इसके अलावा सुरक्षा के लिए घर में निजी सुरक्षा कर्मी भी तैनात कर रखा है। जब यह वारदात हुई उस समय सुरक्षाकर्मी भी बरामदे में बैठा था। शीशे पर वार की धमक पड़ते ही वह भी भागा लेकिन जब तक बाहर पहुंचा कार सवार दूर निकल चुके थे। टफल ग्लास पत्थर की तरह मजबूत होता है, यह किसी भारी चीज के मारे बिना नहीं टूटता है।
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हरमन की माता गुरदेव कौर ने कहा कि पुलिस को सुरक्षा बढ़ानी चाहिए। हरमन की भांजी सीरत ने कहा कि बरामदे में ऐसी कोई चीज नहीं मिली है। पिता अजायब सिंह सिद्धू ने कहा कि मोहल्ले में भीड़भाड़ कम होने की वजह से भी यहां पुलिस को सुरक्षा बढ़ानी चाहिए। ।
पंजाब ही नहीं बंगाल से भी मिल रही धमकियां
हरमन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से पंजाब ही नहीं बंगाल तक से मोबाइल पर धमकियां मिल रही हैं। सुनते-सुनते भी अब परेशान हो चुका हूं। फिर भी कहता हूं कि शराब बेचने और पीने के खिलाफ नहीं हूं। बस ये चाहता हूं कि शराब पीकर ड्राइव न करें। मेरे संगठन अराइव सेफ का भी यही लक्ष्य है।
उन्होंने यूटी में शराब ठेके कम होने और पब, डिस्कोथेक व बार के बंद होने की नौबत के लिए प्रशासन को उत्तरदायी ठहराया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देशभर से 68 याचिकाएं दाखिल हुईं, लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन ने अपनी सफाई रखने की कोई पहल नहीं की और सिर्फ राजस्व बटोरने को लक्ष्य बनाया। 31 मार्च के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कई लोगों को राहत भी मिली है।
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