अनाज घोटाले की परतें खोलेगी अमरिंदर सरकार, मनप्रीत जांच में जुटे
पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल पिछले बादल सरकार के दौरान हुए खाद्यान्न घोटाले की जांच के लिए कमर कस रहे हैं। उनका कहना है कि अमरिंदर सरकार इस घोटाले की परतें खोलेगा।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल राज्य के खाद्यान्न घोटाले की परत दर परत खोलने में जुअ गए हैं। इस मामले में 31,000 करोड़ रुपये का टर्म लोन लेकर भले ही पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था लेकिन कांग्रेस सरकार इस मामले की परतें खोलने की तैयारी में है।
वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने इसे देश का सबसे बड़ा घोटाला बताया है और इसकी जांच करवाने की तैयारी में जुट गए हैं। उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा सरकार ने पंजाब की जनता पर इतना बड़ा बोझ डाला है। इसलिए इसकी जांच तो होनी ही चाहिए कि आखिर खाद्यान्न गया कहा, कौन इसके लिए दोषी हैं।
मनप्रीत बोले- देश का सबसे बड़ा खाद्यान्न घोटाला है ये, जांच होगी
2016 में यह मामला तब सामने आया था जब भारतीय रिजर्व बैंक ने खाद्यान्न खरीदने के लिए कैश क्रेडिट लिमिट देने से इन्कार कर दिया था। उस समय मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इस पर खातों में अंतर की बात कही थी। बाद में अकाली-भाजपा सरकार ने 31000 करोड़ रुपये का टर्म लोन लेकर इस मामले को खत्म किया था।
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वहीं, कैग की रिपोर्ट में भी यह मामला सामने आया था। कैग ने अपनी जांच में खाद्यान्न को ढ़ोने वाली 3321 गाडि़यों को ढूंढ नहीं पाने की बात कही थी। इसके बाद पूर्व कांग्रेस विधायक दल के नेता सुनील जाखड़ विधान सभा में उसी मोटर साइकिल पर पहुंचे थे, जिस पर खाद्यान्न ढ़ोने की बात कही गई थी।
270 करोड़ के टर्म लोन का भुगतान किया
मनप्रीत बादल कहते हैं 'कांग्रेस सरकार बनने के बाद 270 करोड़ रुपये के टर्म लोन का भुगतान किया गया है। ताकि गेहूं की खरीद में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न आए और किसानों को परेशानी न हो।' वित्तमंत्री ने कहा गेहूं सीजन में सरकार ने 22,000 करोड़ की कैश क्रेडिट लिमिट की मांग की हैं। क्योंकि इस बार 125 लाख मीट्रिक टन फसल अनाजमंडियों में आने का अनुमान हैं। पिछले वर्ष 106 लाख मीट्रिक टन गेहूं अनाज मंडियों में आया था।
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बादल सरकार पर हमला करते हुए मनप्रीत ने कहा कि लोन पर 11 फीसदी ब्याज दर पर लिया गया। जोकि बहुत ज्यादा है। इसे सात फीसदी पर लाने की कोशिश की जाएगी। इससे सात से आठ हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। उन्होंने कहा कि पिछले बादल सरकार ने खाद्यान्न घाटाले की जांच की बजाए लीपापोती की। अब इसकी जांच होगी। ताकि दूध का दूध और पानी का पानी किया जा सके।
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