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    सज्जन कनाडा में भी रहे हैं विवादों में, लगे थे खालिस्‍तान समर्थक होने के आरोप

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Fri, 14 Apr 2017 09:42 AM (IST)

    पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन पर लगाए गया आरोप नया नहीं है। उन पर कनाडा में भी खालिस्तान समर्थक होने के आरोप लगे हैं।

    सज्जन कनाडा में भी रहे हैं विवादों में, लगे थे खालिस्‍तान समर्थक होने के आरोप

    जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन के पर जाे आरोप लगाया है वह कोई नया नहीं है। कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के लिबरल पार्टी के कई नेताओं ने गत चुनाव में पार्टी प्रधान जस्टिन ट्रूडो को बड़ा झटका देते हुए ऐसे ही आरोप लगाते हुए पार्टी छोडऩे का एलान किया था। उनका कहना था कि वर्ल्‍ड सिख आर्गेनाइजेशन के बैनर तले ट्रूडो द्वारा सिखों से जोड़-तोड़ की जा रही है। उस समय भी सज्जन की पृष्ठभूमि को लेकर कनाडा के मीडिया में खूब सुर्खियां बनी थीं।

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    सज्जन की पृष्ठभूमि को लेकर कनाडा के मीडिया में बनी थीं सुर्खियां

    वेंकूवर के सबसे बड़े गुरुद्वारे रॉस स्ट्रीट टेंपल के पूर्व महासचिव और लंबे समय से लिबरल पार्टी से जुड़े राजिंदर सिंह भेला ने कहा था, उन्हें लगता है कि इस लिबरल पार्टी का डब्लूएसओ ने अपहरण कर लिया है। 1902 में स्थापित खालसा दीवान सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष कश्मीर धालीवाल ने कहा था कि लिबरल पार्टी और खासकर जस्टिन चरमपंथी गुटों से मिले हुए हैं और इसलिए उन्होंने लिबरल पार्टी छोडऩे का फैसला किया।

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    डब्लूएसओ समर्थित उम्मीदवार हरजीत सिंह सज्जन को पार्टी के एक प्रमुख व्यापारी नेता बारज धाहन की जगह पर उम्मीदवार बनाने के कारण कई स्थानीय व सिख नेताओं ने पार्टी बैठक से वाकआउट भी किया था।
    पार्टी के बहुत से लोगों ने तब कहा था कि वह पार्टी छोड़ रहे हैं क्योंकि उम्मीदवार की नामांकन प्रक्रिया अलोकतांत्रिक थी और उन्हें लगता है कि ट्रूडो ने सिख समुदाय में एक अल्पसंख्यक कट्टरवादी से सलाह लेकर कूटनीतिक गलती की है। वेंकूवर में लिबरल एग्जीक्यूटिव के दो बार अध्यक्ष रहे जगदीप संघेड़ा ने भी मीडिया में कहा था कि ज्यादातर सिख डब्ल्यूएसओ का हिस्सा नहीं हैं।

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    क्या है डब्लूएसओ

    डब्लूएसओ हालांकि खुद को मानवाधिकार संगठन बताता है जो हिंसा का समर्थन नहीं करता लेकिन बीते 30 साल के दौरान वह आतंकी व खालिस्तानी गतिविधियों के कारण विवादित रहा है। उसने न केवल तनिष्क विमान हादसे के आरोपियों का बचाव किया बल्कि इंदिरा गांधी के हत्यारों और आतंकवादियों की सराहना तक की।