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    कैप्टन ने चलाया सफाई अभियान, कहा- शहीदों का आदर नहीं तो प्रतिमाएं क्यों

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Thu, 20 Oct 2016 06:00 PM (IST)

    बठिंडा में किसान यात्रा के दौरान कैप्टन शहीद की प्रतिमा को साफ करने लगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इनका आदर नहीं कर सकती तो इन्हें लगाने का क्या फायदा।

    जेएनएन, बठिंडा। किसान रोड शो पर निकले कांग्रेस के प्रदेश प्रधान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बठिंडा में शहीदों की प्रतिमाओं की संभाल न करने पर सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने पूछा, प्रदेश की बादल सरकार शहीदों का आदर नहीं कर सकती तो उनकी प्रतिमा लगाने का क्या फायदा? प्रदेश में जगह-जगह शहीदों की प्रतिमाओं का निरादर हो रहा है। उनकी दशा खराब है। उन पर धूल जमी रहती है। वह बुधवार को यहां फौजी चौक में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने शहीद फौजी नंद सिंह की प्रतिमा की खुद सफाई की।

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    उन्होंने कहा कि इन प्रतिमाओं को संभालने की जिम्मेदारी भारतीय सेना को उठानी चाहिए, क्योंकि पंजाब सरकार इनकी संभाल नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि बादलों को सूबेदार नंद ङ्क्षसह की बहादुरी के बारे में कोई जानकारी नहीं है, इसलिए उनकी प्रतिमा का निरादर हो रहा है। सूबेदार नंद सिंह पहली सिख रेजीमेंट के बहादुर योद्धा थे। कैप्टन ने अपनी किताब लेट्स वी फॉर्गेट में भी शहीद नंद सिंह की बहादुरी का जिक्र किया है।
    33 साल की आयु में सूबेदार नंद सिंह ने दिसंबर 1947 में कश्मीर के क्षेत्र उड़ी में अहम भूमिका निभाई। युद्ध में वह शहीद हो गए, लेकिन उनका शव काफी समय बाद बरामद हुआ था।

    कैप्टन ने कहा कि वॉर विडोज अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रही हैं। मुख्यमंत्री के घर के बाहर पिछले तीन हफ्ते तक धरना चलता रहा, लेकिन सरकार ने उनके बारे में कुछ नहीं किया। सरकार की उदासीनता से निराश होकर अभी तो केवल वॉर विडो सुरिंदर कौर मेडल वापस कर रही हैं, जबकि अभी बहुत ही वॉर विडोज अपने पतियों के मेडल लौटाने के लिए तैयार बैठी हैं। वहीं, अकाली दल के बठिंडा के विधायक सरूप चंद सिंगला ने कहा कि कैप्टन मात्र चुनाव के लिए ड्रामेबाजी कर रहे हैं।

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