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    प्रिंसिपल चला रहा था फर्जी सर्टिफिकेट का धंधा, 13 विवि के 136 नकली प्रमाण पत्र बरामद

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Wed, 29 Mar 2017 08:54 AM (IST)

    पुलिस ने बठिंडा से 13 यूनिवर्सिटियों के 136 फर्जी सर्टिफिकेट बरामद किए हैं। गिरोह का सरगना निजी स्कूल का प्रिंसिल है। पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को काबू किया है।

    प्रिंसिपल चला रहा था फर्जी सर्टिफिकेट का धंधा, 13 विवि के 136 नकली प्रमाण पत्र बरामद

    जेएनएन, बठिंडा। जिला पुलिस ने दसवीं से लेकर बीए तक के फर्जी सर्टिफिकेट व डिग्री देने वाले गिरोह को मास्टमाइंड सहित काबू कर लिया है। पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों से फर्जी सर्टिफिकेट, डिग्री छापने में इस्तेमाल होने वाले सामान सहित देश की 13 यूनिवर्सिटियों के 136 से अधिक फर्जी सर्टिफिकेट बरामद किए हैं। गिरोह का मास्टरमाइंड बठिंडा के किला रोड पर स्थित एक निजी स्कूल का प्रिंसिपल है। उस पर हरियाणा के हिसार में पहले से फर्जी सर्टिफिकेट मामले दर्ज हैं। वहीं गिरोह में हरियाणा के फतेहाबाद में राष्ट्रीय ग्रामीण मुक्त विद्यालय का प्रमुख व एक आरोपी पावर हाउस रोड पर आइलेट्स सेंटर का संचालक है।

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    पुलिस कांफ्रेंस हाल में मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान एसपी सिटी बलराज सिंह सिद्धू ने बताया कि बीते दिनों बाबा दीप सिंह नगर निवासी संदीप सिंह ने कोतवाली पुलिस को उक्त गिरोह की जानकारी दी थी। संदीप ने जमा दो कक्षा का सर्टिफिकेट के लिए गिरोह के मास्टरमाइंड किला रोड पर जनता हाई स्कूल के प्रिसिंपल हर्ष कुमार, पावर हाउस रोड पर एईसीसी के नाम पर आइलेट्स सेंटर चलाने वाले दविंदर सिंह, अशोक कुमार निवासी ऐलनाबाद हरियाणा, प्रिंस उर्फ तरसेम सिंह निवासी सिरसा तथा तरुण कुमार निवासी फतेहाबाद से संपर्क किया था। संदीप सिंह से उक्त गिरोह का सौदा बीस हजार में तय हुआ था। संदीप ने गिरोह के सदस्य दङ्क्षवदर कुमार को एडवांस में छह हजार रुपये दिए थे, जबकि 14 हजार रुपये सर्टिफिकेट मिलने के बाद देना तय हुआ था।

    पुलिस ने उक्त गिरोह द्वारा संदीप को जमा दो कक्षा का माइग्रेट कम ट्रांसफर सर्टिफिकेट राष्ट्रीय ग्रामीण मुक्त विद्यालय के तौर पर दिए जाने के बाद पहले हर्ष कुमार व दविंदर कुमार को पकड़ा। इसके बाद पुलिस ने उक्त लोगों से पूछताछ के आधार पर टीमें बनाकर अशोक कुमार, प्रिंस उर्फ तरसेम सिंह व राष्ट्रीय ग्रामीण मुक्त विद्यालय के प्रमुख तरुण कुमार को काबू कर लिया। उक्त आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने दो लैपटाप, एक सीपीयू, विभिन्न विद्यालयों की मोहरें व 13 यूनिवर्सिटियों व बोर्डों के 136 सर्टिफिकेट बरामद किए।

    15 से 40 हजार में बेचते थे डिग्री व सर्टिफिकेट

    एसपी ने बताया कि उक्त गिरोह के सदस्य जरूरतमंद युवकों से 15 से लेकर 40 हजार तक लेकर विभिन्न बोर्डों व यूनिवर्सिटियों के सर्टिफिकेट व डिग्रियां बेचते थे। आरोपी दसवीं के सर्टिफिकेट के 15 हजार रुपये तथा बीए का सर्टिफिकेट लेने के 35 से 40 हजार रुपये लेते थे।

    गिरोह से इन यूनिवर्सिटियों के फर्जी सर्टिफिकेट बरामद

    एसपी ने बताया कि गिरोह से तिरुवल्लूवर यूनिवर्सिटी तमिलनाडु के 15, कर्नाटक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी के पांच सर्टिफिकेट, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ रूरल ओपन यूनिवर्सिटी के 94 सर्टिफिकेट, मार्कशीट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट, सनराइस यूनिवर्सिटी अलवर राजस्थान के दो सर्टिफिकेट, दिल्ली बोर्ड आफ सीनियर सेकेंडरी एजुकेशन के चार सर्टिफिकेट, जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के चार सर्टिफिकेट, ओपीजेएस यूनिवर्सिटी चुरू राजस्थान के तीन सर्टिफिकेट, बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन ऑफ आंध्र प्रदेश के तीन सर्टिफिकेट, इंटर मीडिएट कौंसिल आफ स्कूङ्क्षलग एजुकेशन पंजाब के दो सर्टिफिकेट, बोर्ड आफ स्कूल एजूकेशन उत्तराखंड का एक सर्टिफिकेट, जनता मिडिल स्कूल का एक सर्टिफिकेट ओर बुदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी का एक सर्टिफिकेट बरामद हुआ है। उन्होंने बताया कि पुलिस आरोपियों को अदालत में पेश कर उनके रिमांड की मांग करेगी। ताकि गिरोह के बारे में ओर पूछताछ की जा सके।

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