श्री हरिमंदिर साहिब में प्रसाद व लंगर जारी, मास्क पर SGPC ने कहा- श्रद्धालुओं की मर्जी
श्री हरिमंदिर साहिब में लंगर व प्रसाद वितरण जारी है। एसजीपीसी ने कहा कि यह सिख धर्म की परंपरा का हिस्सा है। मास्क पर कहा कि यह श्रद्धालुओं की इच्छा पर निर्भर है।
जेएनएन, अमृतसर। पंजाब में सभी धार्मिक स्थल व मॉल खुल गए हैं। श्री हरिमंदिर साहिब, अमृतसर में प्रसाद और लंगर की सेवा पहले की तरह जारी रही। प्रबंधन के मुताबिक गत सायं तक करीब तीस हजार श्रद्धालुओं ने माथा टेका, जबकि पहले यह संख्या आम दिनों मेें लगभग एक लाख तक पहुंच जाती थी। कई श्रद्धालुओं ने मास्क पहन रखा था, जबकि कुछ बिना मास्क के भी जा रहे थे। बिना मास्क वाले श्रद्धालुओं को रोका नहीं जा रहा था।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रवक्ता कुलविंदर सिंह रमदास से जब पूछा गया कि कोरोना के खतरे के मद्देनजर तो मास्क पहनना जरूरी है, सरकार का निर्देश भी है, तो उन्होंने कहा श्रद्धालुओं की अपनी मर्जी है कि वे मास्क पहनें या न पहनें। श्रद्धालुओं को हिदायत दी जा रही है कि बीमारी से बचाव के लिए सेहत विभाग द्वारा तय नियमों का पालन करें। एक मीटर की दूरी पर श्रद्धालु बैठकर लंगर छक रहे हैं।
माथा टेकने के लिए जाते समय भी श्रद्धालुओं के बीच एक मीटर की दूरी का ध्यान रखा जा रहा है। श्रद्धालुओं को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही अंदर जाने दिया जा रहा है। प्रसाद और लंगर की सेवा जारी रखने पर उन्होंने कहा कि लंगर और प्रसाद का वितरण सिख धर्म और गुरुद्वारों की परंपरा व मर्यादा का हिस्सा है। इसे बंद नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि SGPC के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल की ओर से पंजाब सरकार से पहले ही अपील की जा चुकी है कि वह लंगर और प्रसाद बांटने को लेकर गाइडलाइन पर फिर से विचार करे।
प्रदेश के बाकी धर्मस्थलों में भी श्रद्धालु कम ही पहुंचे। पटियाला के श्री काली माता मंदिर, अमृतसर के श्री दुर्ग्याणा मंदिर में भक्तों के बीच शारीरिक दूरी, हाथ को सैनिटाइज करने सहित सभी नियमों का पालन किया गया। शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए गोले के निशान लगाने सहित श्रद्धालुओं को जागरूक करने के लिए बैनर भी लगाए गए। विभिन्न जिलों में मॉल में भी बहुत कम ही लोग पहुंचे, जो पहुंचे थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही उन्हें अंदर जाने दिया गया। सैनिटाइजर की भी व्यवस्था थी।