सरकार कहती है आधार सबसे बड़ी पहचान, पर कैंसर इलाज के लिए निराधार
सरकार का कहना है कि आधार कार्ड व्यक्ति की सबसे बड़ी पहचान है। लेकिन, अमृतसर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में कैंसर रोगियों के इलाज के लिए यह मान्य नहीं है।
अमृतसर, [नितिन धीमान]। आधार कार्ड लगभग सरकारी व गैरसरकारी कार्यों के लिए अनिवार्य है। अब सरकारी अस्पतालों में कई बीमारियों के उपचार के लिए भी आधार कार्ड को जरूरी कर दिया गया है। इसके विपरीत सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थित कोबॉल्ट यूनिट में कैंसर के उपचार के लिए आधार कार्ड तक मान्य नहीं है। ताजा उदाहरण एक बुजुर्ग महिला का सामने आया है। यह महिला कैंसर का उपचार करवाने के लिए कोबाल्ट यूनिट के स्टाफ से गुहार लगा रही है, पर उसकी पुकार नहीं सुनी गई।
नरायणगढ़ निवासी परमजीत कौर के पास आधार कार्ड है, इसके बावजूद उसे कोबॉल्ट यूनिट के चक्कर लगाने काे मजबूर है। नियमानुसार कैंसर रोधी विकिरण (रेडियोथेरेपी) की प्रक्रिया शुरू करने से पहले मरीज की फाइल तैयार की जाती है। इसमें स्थायी आवास का पता व फोटो सहित सरकारी फॉर्म भरा जाता है।
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महिला के पुत्र जसबीर सिंह ने बताया कि वह सारे दस्तावेज लेकर कोबाल्ट यूनिट में आया, लेकिन स्टाफ ने कहा कि फाइल में वोटर कार्ड अटैच नहीं है। जसबीर ने स्टाफ से कहा कि इसमें आधार कार्ड लगाया है, तो स्टाफ बोला कि आधार कार्ड नहीं चलेगा। वोटर कार्ड, लाइसेंस या पासपोर्ट लाओ, तभी उपचार शुरू करेंगे। स्टाफ ने कहा दिया कि आधार कार्ड केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाता है, जबकि कोबाल्ट यूनिट पंजाब सरकार का प्रोजेक्ट है।
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इस घटना ने आधार के आधार कार्ड पर सवाल खड़े कर दिए हैैं। वहीं बुजुर्ग महिला की हालत दिनोंदिन खराब हो रही है और इलाज नहीं मिलने से परिवार काफी परेशान है।
आधार कार्ड क्यों नहीं स्वीकार
आरटीआइ कार्यकर्ता रविंदर सुल्तान विंड व राजिंदर शर्मा राजू का कहना है कि पंजाब में कैंसर रोग तेजी से बढ़ रहा है। केंद्र सरकार आधार कार्ड को मान्यता देती है, पर पंजाब सरकार अपनी नीतियां निर्धारित कर रही है। कैंसर के उपचार के लिए आधार कार्ड ही नहीं, अपितु किसी भी प्रकार का आवासीय प्रमाण पत्र स्वीकार्य होना चाहिए।
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शुरू से हो रहा है है वोटर कार्ड का इस्तेमाल : प्रिंसिपल
सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. तेजबीर सिंह कहते हैं कि कैंसर के उपचार के लिए शुरू से ही वोटर कार्ड का प्रयोग किया जा रहा है। हालांकि अब आधार कार्ड नागरिकों की पहचान बन चुका है तो यह भी स्वीकार किया ही जाना चाहिए। वह विभाग से बात करके नई गाइडलाइन की जानकारी प्राप्त करेंगे और फिर कोबाल्ट यूनिट में आधार कार्ड लेकर उपचार की प्रक्रिया शुरू करवाई जाएगी।
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