श्री गीता प्रेस के आर्थिक संकट का हो समाधान : प्रो. लाल
जागरण संवाददाता, अमृतसर : पूर्व डिप्टी स्पीकर प्रो. दरबारी लाल ने राष्ट्र के प्राचीन साहित्य को प्रक
जागरण संवाददाता, अमृतसर : पूर्व डिप्टी स्पीकर प्रो. दरबारी लाल ने राष्ट्र के प्राचीन साहित्य को प्रकाशित करने वाली संस्था श्री गीता प्रेस गोरखपुर के बंद होने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह समूचे राष्ट्र के लिए एक दुख का विषय है क्योंकि 1923 से यह संस्था भारत के प्राचीन पवित्र ग्रंथों को हिंदी एवं अन्य भाषाओं में प्रकाशित करके लोगों को बड़े ही सस्ते मूल्यों पर दे रही है। उन्होंने कहा कि संस्था की वर्तमान संकटमय आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार, धार्मिक संस्थाओं अन्य सम्पन्न लोगों का दायित्व बनता है कि संस्था की खुलकर मदद करें।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक विस्तारपूर्वक पत्र लिखकर मांग की कि इस संस्था को आर्थिक संकट से निकालने के लिए हर तरह से मदद करें, ताकि भारत के प्राचीन साहित्य को सुरक्षा प्रदान की जा सके।