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अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य देने उमड़े श्रद्धालु

छठ महापर्व पर सोमवार की शाम लाखों लोगों ने डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। शाम होते-होते यमुना किनारे लाखों की संख्या में लोग पूजा-अर्चना के लिए जमा हो चुके थे। यमुना में स्नान के बाद व्रतियों ने डलिया को गोद में उठा लिया और परिजनों ने दूध से मिले पानी से डूबते सूर्यदेव को अ‌र्घ्य दिया। छठ पूजा समितियों ने पूजा की तैयारियों को लेकर कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रखी थी। यमुना किनारे बने घाट पूरी तरह सजे हुए थे। छठ घाटों पर टेंट, कालीन, जेनरेटर व लाइट की पूरी व्यवस्था थी।

By Edited By: Published: Tue, 20 Nov 2012 10:03 AM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2012 10:03 AM (IST)

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। छठ महापर्व पर सोमवार की शाम लाखों लोगों ने डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। शाम होते-होते यमुना किनारे लाखों की संख्या में लोग पूजा-अर्चना के लिए जमा हो चुके थे। यमुना में स्नान के बाद व्रतियों ने डलिया को गोद में उठा लिया और परिजनों ने दूध से मिले पानी से डूबते सूर्यदेव को अ‌र्घ्य दिया। छठ पूजा समितियों ने पूजा की तैयारियों को लेकर कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रखी थी। यमुना किनारे बने घाट पूरी तरह सजे हुए थे। छठ घाटों पर टेंट, कालीन, जेनरेटर व लाइट की पूरी व्यवस्था थी।

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यमुना किनारे आइटीओ पूर्वी व पश्चिमी का छठ घाट हो या फिर कुदसिया, वजीराबाद व गीता कालोनी का छठ घाट, सभी स्थानों पर शाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। लाखों लोगों ने यमुना के किनारे एकत्रित होकर डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। यमुना किनारे चारों ओर धूप व अगरबत्ती की खुशबू बिखरी हुई थी। यमुना में पानी की कमी के बाद भी पूजा करने आए लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। हालांकि, हरियाणा सरकार की तरफ से वजीराबाद बैराज पर 400 क्यूसिक अतिरिक्त पानी छोड़ा था, लेकिन ऊंट के मुंह जीरा के बराबर साबित हुआ।

छठ घाटों पर टेंट, कालीन, जेनरेटर व लाइट की पूरी व्यवस्था थी। इसके लिए छठ पूजा समितियों ने कड़ी मेहनत की थी। चाहे वह आइटीओ पूर्वी व पश्चिमी का छठ घाट हो या फिर कुदसिया, वजीराबाद व गीता कालोनी का छठ घाट। यहां प्रवेश करते ही व्यवस्थाओं को देख लोगों का मन पुलकित हो रहा था। सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी तैनात थे ही, जांच के लिए मेटल डिटेक्टर मशीनें भी लगी थी। निगरानी रखने के लिए रैपिड फोर्स भी तैनात था। वहीं लोग यमुना किनारे पहुंचते ही फैली गंदगी व बदबू के कारण आलोचना कर रहे थे। इससे समितियों के पदाधिकारी भी निराश दिख रहे थे। यमुना से आ रही बदबू की परेशानी ही थी कि आइटीओ पश्चिम वाले छठ घाट के चंद कदम की दूरी पर बने एक अस्थाई तालाब में खड़े होने वालों की संख्या भी शाम ढलने के साथ बढ़ती जा रही थी। छठ पूजा समिति, दिल्ली प्रदेश के महामंत्री जगदीश सिंह व उपाध्यक्ष अखिलेश चौबे पूजा के आयोजन में मिले सहयोग के लिए दिल्ली सरकार व नगर निगमों का आभार जताते हैं, लेकिन यमुना में उपलब्ध पानी व उसकी गंदगी को लेकर नाराजगी जाहिर करने लग जाते हैं।

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