हज में बंद रहेंगे काबा के दो दरवाजे
मस्जिदुल हरम जहां काबा शरीफ स्थित है, वहां विस्तार का काम चल रहा है। हो सकता है कि हज के दौरान इस बार चार में से दो बड़े दरवाजे बंद रहें। इन दरवाजों की मरम्मत कराई जा रही है।
बरेली। मस्जिदुल हरम जहां काबा शरीफ स्थित है, वहां विस्तार का काम चल रहा है। हो सकता है कि हज के दौरान इस बार चार में से दो बड़े दरवाजे बंद रहें। इन दरवाजों की मरम्मत कराई जा रही है। बाहर धूप में गर्म नहीं होने वाला पत्थर लग रहा है। सऊदी अरब से उमरा करके लौटे हज कमेटी के प्रशिक्षक सैयद कम्बर हुसैन ने बताया कि ये तैयारी एक साथ 20 लाख लोगों को हज अदा कराने के लिए हो रही है।
काबा शरीफ की उमरा (परिक्रमा) के दौरान भी इन दोनों दरवाजों को बंद रखा गया है। वैसे तो काबा शरीफ में दाखिल होने के 99 दरवाजे हैं। माना जाता है कि अल्लाह के इतने ही नाम हैं। इनमें चार बड़े दरवाजे हैं। एक बाबुल फतेह है। यह वह दरवाजा है, जिसका नाम पैगम्बरे रसूल के जंग फतेह मक्का के बाद पड़ा। आप इसी दरवाजे से मस्दिुल हरम में दाखिल हुए थे। दूसरा बाबुल उमरा है। उमरा के लिए इसी गेट से दाखिल होते हैं। इन्हीं दोनों गेट पर काम चल रहा है। हज कमेटी के ट्रेनर सैयद कम्बर हुसैन बताते हैं-काम की रफ्तार को देखकर लग नहीं रहा कि हज से पहले पूरा हो पाएगा। ऐसे में हाजियों को हज के लिए बाबे अब्दुल अजीज और बाबुल फहद से दाखिल होना पड़ सकता है। दोनों दरवाजों का नाम सऊदी अरब किंग के नाम पर है। किंग फहद, किंग अब्दुल अजीज के बेटे हैं। मस्जिदुल हरम में बाबे अब्दुल अजीज और बाबे अब्दुल फहद से दाखिल होना पड़ेगा। हज कमेटी के ट्रेनर ने बताया कि मस्जिदुल हरम को विस्तार देकर बढ़ाया जा रहा है। विस्तार का काम पूरा होने के बाद 15 से 20 लाख लोग एक साथ हज अदा कर सकेंगे।
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