Move to Jagran APP

कामयाबी से बढ़ता है कांफीडेंस : तापसी पन्नू

भारत की पहली स्पिन ऑफ फिल्म ‘नाम शबाना’ को लेकर उत्साहित हैं तापसी पन्नू। उन्होंने इसकी शूटिंग के अनुभव शेयर किए...

By Srishti VermaEdited By: Published: Mon, 20 Mar 2017 12:00 PM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2017 02:33 PM (IST)
कामयाबी से बढ़ता है कांफीडेंस : तापसी पन्नू
कामयाबी से बढ़ता है कांफीडेंस : तापसी पन्नू

तापसी पन्नू की ‘नाम शबाना’ भारत की पहली स्पिन ऑफ फिल्म है। यह प्रीक्वेल नहीं है। ‘स्पिन ऑफ’ में पिछली फिल्म के किसी एक पात्र के बैकग्राउंड में जाना होता है। तापसी ने नीरज पांडेय निर्देशित ‘बेबी’ में शबाना का किरदार निभाया था। उस किरदार को दर्शकों ने खूब पसंद किया। ऐसा लगा था कि इस किरदार के बारे में निर्देशक को और भी बताना चाहिए था। तापसी कहती हैं,‘ दर्शकों की इस मांग और चाहत से ही ‘नाम शबाना’ का ख्याल आया। नीरज पांडेय ने ‘बेबी’ के कलाकारों से इसे शेयर किया तो सभी का पॉजिटिव रिस्पांस था। इस फिल्म में पुराने लीड कलाकार अब कैमियो में हैं। दो नए किरदार जोड़े गए हैं, जिन्हें मनोज बाजपेयी और पृथ्वीराज निभा रहे हैं।’

loksabha election banner

तापसी बताती हैं, ‘इस फिल्म में मनोज बाजपेयी ही मुझे स्पॉट करके एस्पीनोज एजेंसी के लिए रिक्रूट करते हैं।’ ‘नाम शबाना’ की शबाना मुंबई के भिंडी बाजार की निम्न-मध्यवर्गीय मुस्लिम लड़की है। उसके साथ अतीत में कुछ ऐसा हुआ है, जिसकी वजह से वह इस कदर एग्रेसिव हो गई है। तापसी उसके स्वभाव के बारे में बताती हैं, ‘वह कम बोलती है। मेरे स्वभाव के विपरीत है। इस किरदार को शारीरिक तौर पर आत्मसात करने से अधिक मुश्किल था मानसिक स्तर पर समझना। वह बोलती कम है लेकिन समझती सब कुछ है। वह किसी भी मामले में पलट कर रिएक्ट करती है। भांप लेती है कि क्या होने वाला है।

उसके बात करने के लहजे में पूरी सफाई है। मुझे लहजे का भी अभ्यास करना पड़ा।’ तापसी इस फिल्म की शूटिंग के दौरान रोमांचित रहीं। ज्यादातर शूटिंग मुंबई की रियल लोकेशन्स में हुई है। वे शूटिंग के अनुभव शेयर करती हैं, ‘मैं मुंबई के नल बाजार में घूम रही थी। कई बार लोग मुझसे पूछते थे कि क्या हो रहा है? कौन सी फिल्म है? मैं कौन हूं? अच्छा था कि लोग मुझे पहचान नहीं रहे थे या यों कहें कि तवज्जो नहीं दे रहे थे। कुछ ने पहचाना कि यह साउथ की फिल्म ‘कांचना 2’ की हीरोइन है। रियल लोकेशन पर लोग परेशान न करें तो बहुत मजा आता है। मैं तो गली-नुक्कड़ के लोगों से घुलमिल गई थी।

मैंने तो कुछ दृश्यों में बॉडीगार्ड भी हटा दिए। गली की भीड़ का हिस्सा बन जाना मजेदार था।’ तापसी चाहती थीं कि नीरज पांडेय ही इसे डायरेक्ट करें। नीरज ने उन्हें समझाया कि मैं लिख रहा हूं और मैं ही निर्माता हूं। सेट पर भी रहूंगा। तुम तनाव मत लो। तापसी के शब्दों में, ‘वे नाम शबाना के डायरेक्टर शिवम नायर को अपना सीनियर मानते हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया। शिवम भी नीरज सर की तरह कम बोलते हैं। उन्होंने दूसरे निर्देशकों से अलग कुछ भी बताने, समझाने या डायरेक्ट करने के समय पास आकर ही सब कुछ बताया। उनकी यह बात मुझे बहुत अच्छी लगी। वे सीधे अपनी बात कहते थे। मुझे दोनों की शैली में अधिक फर्क नहीं लगा। चूंकि शबाना उनकी क्रिएशन है, इसलिए वे शबाना से ज्यादा वाकिफ थे। उसकी बारीकियां जानते थे।’

तापसी मानती हैं कि कामयाबी से लोगों का परसेप्शन और अपना कांफीडेंस बढ़ता है। ‘पिंक’ की कामयाबी और सराहना से फर्क तो आया है। वे कहती हैं, ‘व्यक्तिगत स्तर पर कुछ दिनों तक कुछ हासिल करने का अहसास रहता है। फिर जिंदगी रुटीन में आ जाती है। इंडस्ट्री और दर्शकों की सोच बदल जाती है।’ तापसी डेविड धवन की फिल्म ‘जुड़वां 2’ के लिए उत्साहित हैं। वे कहती हैं, ‘मेरे लिए गर्व की बात है कि उन्होंने मुझे चुना। मैंने उनसे पूछा कि मुझे क्या तैयारी करनी है? उन्होंने इतना ही कहा तुम्हें अच्छा लगना है!’

प्रस्तुति- अजय ब्रह्मात्मज 

यह भी पढ़ें : जोखिम लेने से नहीं घबराती कृतिका कामरा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.