कुछ इस तरह खास बनीं सिंधू, दिल्ली सरकार देगी दो करोड़ रुपये
भारत की पीवी सिंधु ने रियो अोलिंपिक बैडमिंटन फाइनल में हार के बावजूद इतिहास रच दिया।
नई दिल्ली। भारत की पीवी सिंधु भले ही रियो ओलिंपिक के महिला बैडमिंटन फाइनल में दुनिया की नंबर वन केरोलिना मारिन से हार गई, इसके बावजूद उन्होंने इतिहास रच दिया। सिंधु ओलिंपिक खेलों में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई। वे खेल महाकुंभ में पदक जीतने वाली देश की पांचवीं महिला हैं। सिंधू की कामयाबी पर दिल्ली सरकार ने दो करोड़ रुपये इनाम देने का एलान किया है।
रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी
दुनिया की 10वें क्रम की 21 वर्षीया सिंधु को वर्ल्ड नंबर वन 23 वर्षीया स्पेनिश खिलाडी मारिन के हाथों 21-19, 12-21, 15-21 से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बावजूद सिंधु ने चांदी की चमक से देश का मान बढ़ाया। उनका यह प्रयास भी इतिहास रच गया, क्योंकि इससे पहले भारत की कोई भी महिला खिलाड़ी ओलिंपिक में रजत पदक नहीं जीत पाई थी।
ओलिंपिक पदक जीतने वाली पांचवीं भारतीय महिला खिलाड़ी
सिंधु ओलिंपिक में पदक जीतने वाले देश की पांचवीं महिला खिलाड़ी बन गई। उनसे पहले वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी (सिडनी - 2000), बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल (लंदन - 2012), मु्क्केबाज एमसी मैरी कॉम (लंदन - 2012) और पहलवान साक्षी मलिक (रियो डी जेनेरियो - 2016) ने ओलिंपिक में पदक जीते थे। इन चारों ने कांस्य पदक हासिल किए थे।
बैडमिंटन में दूसरा ओलिंपिक पदक
सिंधु ने रियो ओलिंपिक में महिला एकल बैडमिंटन में कांस्य पदक हासिल किया। यह भारत का बैडमिंटन में दूसरा पदक है और उसे दोनों पदक महिला खिलाड़ियों ने दिलाए हैं। इससे पहले साइना नेहवाल ने पिछली बार लंदन में कांस्य पदक जीता था।
ओलिंपिक इतिहास में भारत का सातवां रजत पदक
सिंधु ने रजत पदक जीता जो ओलिंपिक इतिहास में भारत का सातवां रजत पदक है। सबसे पहले नार्मन प्रिचर्ड ने 1900 में पेरिस में एथलेटिक्स में 2 रजत पदक जीते। 1960 रोम ओलिंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने रजत पदक जीता। 2004 एथेंस में निशानेबाज राज्यवर्धन सिंह राठौर ने रजत पदक जीता। 2012 में भारत को शूटर विजय कुमार और पहलवान सुशील कुमार ने रजत पदक दिलाए।
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