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    बीजद पर नहीं रह गया है भरोसा : येचुरी

    By Edited By:
    Updated: Fri, 03 Apr 2015 04:37 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : कोयला खदान व खदान (विकास एवं नियंत्रण) बिल का बीजद ने पहले विरोध किया

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : कोयला खदान व खदान (विकास एवं नियंत्रण) बिल का बीजद ने पहले विरोध किया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि यह बिल राज्य हित के खिलाफ है। खदान व खदान संशोधन बिल से राज्य को काफी नुकसान होगा। लोकसभा में बिल का विरोध कर बीजद सासद ने सदन का बहिष्कार भी किया मगर राज्यसभा में बिल के आने पर खेल बदल गया। राज्यसभा में बीजद ने बिल के पक्ष में वोट किया। इससे यह बात स्पष्ट हो जा रही है कि प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री नवीन के बीच गुप्त समझौता हुआ है। इस गुप्त समझौते के बारे में ओडिशा को जानने का अधिकार है। यह बात सीपीआइ (एम) पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी ने कही। वे स्थानीय सीपीआइ (एम) के राज्य मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

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    येचुरी ने कहा कि इसी तरह जमीन अधिग्रहण बिल का बीजद समर्थन करेगी या विरोध यह संदेह के घेरे में है। बीजद पर भरोसा करना ठीक नहीं है। अब मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को बताना होगा कि उन्होंने पल्टी क्यों मारी व प्रधानमंत्री के साथ उनकी क्या डील हुई, जिसके चलते बीजद ने इस विधेयक का समर्थन किया। येचुरी ने कहा कि नरेद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद कोयला खदान की नीलामी में एक विपरीत नीलामी व्यवस्था शुरू की है। इस व्यवस्था के तहत ओडिशा की दो खदानों मंदाकिनी व उत्कल सी की नीलामी की गई है, जिससे ओडिशा को सिर्फ 19,000 करोड़ रुपये ही मिल पाया है। यदि इन दोनों खदानों की पॉजिटिव नीलामी की गई होती तो ओडिशा को दो लाख करोड़ रुपये का फायदा होता। उन्होंने कहा कि दिल्ली में इस समय बिजली का दाम प्रति यूनिट दो रुपये 24 पैसे है लेकिन ओडिशा में तीन रुपये 64 पैसे व टैक्स है। येचुरी ने कहा कि हाल ही में लाए गए भूमि अधिग्रहण विधेयक को स्वीकृति न देने के लिए 40 राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति से भेंट की थीं। इसमें बीजद भी था लेकिन बीजद ने यदि किसी डील की वजह से इसका भी समर्थन कर दिया तो यह विधेयक भी पारित हो जाएगा। अगर यह विधेयक पारित हो गया तो राज्य राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग व रेल लाइन के दोनों तरफ खेती में उपयोग होने वाली जमीनों का अधिग्रहण होगा। देश में खाद्य सुरक्षा कानून की धज्जिया उड़ेंगी व अनाज के दाम पहले से काफी बढ़ जाएंगे। इसलिए ऐसे विधेयक का जमकर विरोध करना चाहिए। उन्होंने भाजपा के सदस्य संग्रह अभियान पर भी सवाल उठाया और कहा कि लोगों को फोन कर जबरन पार्टी का सदस्य बनाया जा रहा है। सीपीआइ (एम) इसकी कड़ी निंदा करती है। इस अवसर पर सीपीआइ (एम) के राज्य सचिव आली पटनायक व सुरेश पाणीग्राही भी उपस्थित थे।