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    ट्रंप के सामने हिलेरी का सरेंडर, ईमेल डिलीट पर स्‍वीकार की गलती

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Tue, 27 Sep 2016 01:13 PM (IST)

    अमेरिका में आज हुई पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में ईमेल डिलीट के मुद्दे पर हिलेरी ने अपनी गलती स्‍वीकार कर ली। इस मुद्दे पर ट्रंप उनपर भारी पड़े और हिलेरी डिफेंसिव हो गईं।

    वाशिंगटन (रॉयटर)। यूएस प्रेसिडेंशियल इलेक्शन के लिए आज हुई पहली बहस के दौरान कुछ मौके ऐसे भी आए जिसमें रिपब्लिकन उम्मीद्वार डोनाल्ड ट्रंप अपने प्रतिद्वंदी डेमोक्रेट उम्मीद्वार हिलेरी क्लिंटन पर हावी होते दिखाई दिए। वहीं कुछ मौकों पर हिलेरी काफी डिफेंसिव हो गईं। ऐसा ही एक मौका ट्रंप द्वारा हिलेरी के ईमेल का मुद्दा उठाकर आया। इसमें हिलेरी ने माना कि उनसे गलती हुई है।

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    दरअसल, हिलेरी ने ही इस डिबेट में ईमेल विवाद को जन्म भी दिया। हिलेरी ने ट्रंप पर हावी होने के मकसद से उनपर टैक्स डॉक्यूमेंट सार्वजनिक न करने का आरोप लगाया। जवाब में ट्रंप ने भी साफतौर पर कह दिया कि यदि वह अपने डिलीट 33000 ईमेल के बारे में सार्वजनिक तौर पर सच उजागर कर दें तो वह भी अपने टैक्स डॉक्यूमेंट सार्वजनिक कर देंगे। उनका कहना था ऐसी क्या वजह है कि वह इसका जवाब ही देना पसंद नहीं करती हैं। उनका आरोप था कि ऐसा करके हिलेरी ने देश की सुरक्षा को खतरे में डाला है।

    बस फिर क्या था, इतना सुनते ही हिलेरी को अपनी गलती का अहसास हो गया और वह काफी डिफेंसिव हो गईं। उन्होंने इस बाबत अपनी गलती स्वीकारते हुए कहा कि ईमेल डिलीट होना वास्तव में उनकी गलती रही है। इससे पहले हिलेरी ने कहा था कि वह इसका जवाब देना मुनासिब नहीं समझती हैं।

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    क्या है ईमेल विवाद

    गौरतलब है कि अोबामा मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री रहते हुए हिलेरी क्लिंटन के निजी ईमेल सर्वर को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। हालांकि बाद में हिलेरी ने माफी मांग ली थी। इसके चलते संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के अधिकारियों ने उनसे पूछताछ भी की थी। उनपर आरोप था कि विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने निजी ईमेल सर्वर का इस्तेमाल किया जो देश के कानून के अनुसार गलत है।

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    इस मामले में हिलेरी ने यह कहते हुए माफी मांग ली थी कि इस सर्वर का इस्तेमाल उन्हें सिर्फ निजी मेल भेजने के लिए करना चाहिए था, लेकिन उनके विरोधियों को उनके खिलाफ एक मुद्दा हाथ लग गया है। गौरतलब है कि हिलेरी 2009-2013 के बीच अमेरिका की विदेश मंत्री रही थीं। सरकारी कामकाज के लिए निजी सर्वर का इस्तेमाल करने के बाद एफबीआइ ने वर्ष 2015 में हिलेरी के सर्वर को जब्त कर लिया था।

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